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Saturday, 21 December, 2024
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हिंसा प्रभावित मणिपुर में असम राइफल्स द्वारा बचाई गई दो महिलाओं ने राहत शिविर में बच्चे को जन्म दिया

भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर की इंफाल घाटी और उसके आसपास के इलाकों से 23,000 नागरिकों को बचाया है. ये लोग 3 मई से मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा के कारण फंस गए थे.

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नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा के दौरान असम राइफल्स द्वारा बचाई गई दो महिलाओं ने सेना के अस्थायी शिविरों में बच्चों को जन्म दिया. इसकी जानकारी भारतीय सेना ने ट्वीट कर दी.

भारतीय सेना द्वारा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मां बनी एक महिला कहती हैं, ‘मैं अब बहुत खुश हूं. अगर आपने हमें नहीं बचाया होता तो हम जंगल में क्या करते.’

सेना ने कहा कि असम राइफल्स द्वारा बचाई गई दोनों मांओं की तबीयत ठीक है.

हालांकि सेना ने अपने ट्वीट में महिलाओं के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी, लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि एक 38 वर्षीय महिला एस्थर होंटाह ने मंत्रीपुखरी राहत शिविर के सी-सेक्शन में बच्चे को जन्म दिया है. असम राइफल्स के डॉक्टरों ने इसमें मदद की.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना और असम राइफल्स ने मिलकर मणिपुर की इंफाल घाटी और आसपास के क्षेत्रों से 23,000 नागरिकों को बचाया है. ये नागरिक 3 मई को शुरू हुए मेइती और कुकी समुदायों के बीच तनाव के कारण इस इलाके में फंस गए थे.

सेना के द्वारा ट्वीट करने के साथ ही ट्विटर पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आने लगी. ट्विटर यूजर्स ने जमकर भारतीय सेना की कोशिशों की तारीफ की.

लेविना नेथिरी नाम की एक महिला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, ‘भारतीय सेना को सलाम. यह महिला ने सही कहा- आप ही हमारी एकमात्र आशा हैं. भगवान हमारे सैनिकों को आशीर्वाद दें जो नागरिकों को बचाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं.’

एक और अन्य यूजर, तेनजिंग झिमोमी ने लिखा, ‘असम राइफल्स हमेशा आशा की किरण रही है और पूर्वोत्तर के लोगों की दृढ़ रक्षक रही है. असम राइफल्स और सेना को सलाम.’

हिंसा का कारण

बीते 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक रैली का आयोजन किया था, जिसके बाद से मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. इस आदेश में राज्य सरकार से अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने के प्रस्ताव के बारे में केंद्र सरकार से अपील करने के लिए कहा गया था.

4 मई को हिंसा काफी तेज हो गई जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य में अनुच्छेद 355 लागू किया. इसके बाद राज्य में भारतीय सेना, असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया. केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद हालात में सुधार हुआ और धीरे-धीरे हिंसा में कमी आई. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हिंसा में मणिपुर में अब तक कम से कम 52 लोगों के मारे जाने की खबर है.

समाचार रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते रविवार की सुबह कर्फ्यू में ढील दी गई थी, क्योंकि मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में आवश्यक सामान खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे थे और हालात भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेना ने घाटी में हेलीकॉप्टरों और अन्य हवाई साधनों की मदद से हवाई निगरानी भी बढ़ा दी है.

(संपादनः ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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