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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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महाराष्ट्र में 2024 में 38,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 2.19 लाख मामले सामने आए

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(निखिल देशमुख)

मुंबई, तीन फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र में पिछले साल वित्तीय धोखाधड़ी के 2,19,047 मामले दर्ज किए गए, जिनमें पीड़ितों से कुल मिलाकर 38,872.14 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इस तरह के मामलों में मुंबई सबसे ऊपर रही। राज्य के गृह विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

मुंबई में धोखाधड़ी के सबसे अधिक 51,873 मामले दर्ज किए गए, जिनमें ठगों ने पीड़ितों को कुल मिलाकर 12,404.12 करोड़ रुपये का चूना लगाया।

इसके बाद पुणे शहर में 22,059 मामले दर्ज किए गए और कुल मिलाकर 5,122.66 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।

पुणे जिले में कुल 42,802 मामले दर्ज किए गए, जिसमें पिंपरी-चिंचवड़ में 16,115 मामले (3,291.25 करोड़ रुपये की ठगी) और ग्रामीण क्षेत्र में 4,628 मामले (434.35 करोड़ रुपये की ठगी) शामिल हैं।

ठाणे जिले में धोखाधड़ी के 35,388 मामले पंजीकृत किए गए जिनमें ठाणे शहर में दर्ज मामलों की संख्या 20,892, नवी मुंबई में 13,260 और ठाणे ग्रामीण में 1,236 रही। आंकड़ों के अनुसार, जिले में पीडितों से कुल मिलाकर 8,583.61 करोड़ रुपये ठग लिये।

मीरा भायंदर और वसई विरार क्षेत्रों में 11,754 मामले (1,431.18 करोड़ रुपये ठगे) दर्ज किए गए।

नागपुर शहर में 11,875 और नागपुर ग्रामीण में 1,620 मामले दर्ज किए गए, जिसमें ठगों ने पीड़ितों को कुल मिलाकर 1,491.07 करोड़ रुपये का चूना लगाया।

नासिक जिले के शहरी क्षेत्र में 6,381 और ग्रामीण में 2,788 मामले दर्ज किए गए जिसमें पीड़ितों ने कुल मिलाकर 1,047.32 करोड़ रुपये गंवा दिए।

छत्रपति संभाजीनगर जिले में 543.61 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,090 मामले दर्ज किए गए, जबकि अमरावती जिले में 223.059 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 2,778 मामले दर्ज किए गए।

सोलापुर जिले में इस तरह के 3,457 मामले दर्ज किए गए, जिनमें पीड़ितों से 394.54 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।

अन्य जिलों में, बुलढाणा में 1,531 मामले, चंद्रपुर में 1,792 और लातूर में 1,624 मामले दर्ज किए गए, जिनमें पीड़ितों ने क्रमशः 239.19 करोड़ रुपये, 175.39 करोड़ रुपये और 240.45 करोड़ रुपये गंवाए।

अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और वित्तीय लेनदेन से संबंधित संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने की अपील की है।

भाषा खारी नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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