लखनऊ/बिजनौर: यूपी की बिजनौर अदालत में मंगलवार को फायरिंग कर मर्डर के आरोपी की हत्या मामले गंभीरता से लेते हुए पुलिस चौकी के 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसमें सब इंस्पेक्टर शामिल हैं. बुधवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
ये पुलिसकर्मी अदालत परिसर स्थित पुलिस चौकी में तैनात थे.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बुधवार को यहां बताया कि मंगलवार को अदालत में हुई गोलीबारी को गंभीरता से लेते हुए लापरवाही के आरोप में एक सब इंस्पेक्टर समेत 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इनमें पांच महिला पुलिसकर्मी और 12 पुरुषकर्मी शामिल हैं.
पुलिस अधीक्षक बिजनौर को लिखे पत्र में क्षेत्राधिकारी बिजनौर अरूण कुमार सिंह ने इन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की सिफारिश करते हुये कहा कि अदालत परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों की यह डयूटी थी कि वह बिना जांच के किसी को अदालत में प्रवेश न करने दें.
उन्होंने कहा कि सबकी जांच करना थोड़ा मुश्किल काम है क्योंकि इसको लेकर पुलिस और वकीलों में कई बार विवाद भी हो चुका है, लेकिन चूंकि पुलिसकर्मियों को अदालत की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, इसलिए अगर वे अपनी डयूटी ठीक से निभाते तो ऐसी घटना नहीं होती.
बिजनौर के पुलिस अधीक्षक ने भी बताया कि कल बिजनौर की अदालत की घटना में 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
एक आरोपी की हुई मौत, दो पुलिसकर्मी घायल
बिजनौर जिले में मंगलवार को हमलावरों ने अदालत में घुसकर पेशी पर लाये गये एक आरोपी की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी.
वारदात में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. इस दौरान दूसरा अभियुक्त भीड़ का फायदा उठाकर भाग गया.
इस बीच इस घटना को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरा है.
पुलिस अधीक्षक (नगर) लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल से दोहरे हत्याकांड के एक मामले के मुख्य अभियुक्त शाहनवाज और उसके साथी जब्बार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट योगेश कुमार की अदालत में पेशी पर लाया गया था. उन्होंने बताया कि इसी दौरान तीन हमलावर न्यायालय के अंदर घुस गये और ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर शाहनवाज की हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि दूसरा अभियुक्त जब्बार भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया. उन्होंने बताया कि बीच बचाव की कोशिश में एक पुलिसकर्मी मनीष गोली लगने से घायल हो गया. उसे मेरठ ले जाया गया है जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जाती है. एक अन्य पुलिसकर्मी को भी मामूली चोट आयी है.
मिश्र के अनुसार मौके से तीनों हमलावरों साहिल, अकराज और सुमित चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से 30 बोर की तीन पिस्तौलें बरामद की गयी हैं. साहिल गत 28 मई को दोहरे हत्याकांड मे मारे गये प्रापर्टी डीलर हाजी एहसान का बेटा है.
उन्होंने बताया कि लगभग छह माह पहले जिले के नजीबाबाद इलाके में प्रापर्टी डीलर हाजी एहसान और उसके भांजे शादाब की उनके दफ्तर में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले के मुख्य आरोपी शाहनवाज और उसके साथी जब्बार ने दिल्ली की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया था.
इस बीच, मुख्य विपक्षी दल सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बिजनौर में पेशी पर आये आरोपी की न्यायाधीश के सामने हत्या ने साबित कर दिया है कि प्रदेश की ‘एनकाउंटर वाली सरकार’ का बदमाशों पर कितना प्रभाव है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘जहां माननीय न्यायाधीश को जान बचाकर भागना पड़ रहा हो, वहां आम नागरिक की सुरक्षा की बात करना बेमानी है. ये है डबल इंजन की सरकार का हाल!’ पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बिजनौर की घटना पर कहा कि प्रदेश की अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी.
उन्होंने कहा कि यह रंजिश के कारण हुई घटना है, जिसमें एक व्यक्ति ने अपने पिता की हत्या का बदला लिया है. सभी तीन अभियुक्त पकड़ लिये गये हैं.
बिजनौर और उन्नाव की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण : योगी
उत्तर प्रदेश में बिजनौर की अदालत में हुई गोलीबारी और उन्नाव में बलात्कार पीडिता को जलाये जाने की घटनाओं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि दोनों ही घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इन्हें सरकार रोकेगी.
योगी ने विधानसभा में विपक्ष के नियम—56 के तहत दिये गये प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में कहा, ‘बिजनौर जैसी घटनाओं को स्वीकार नहीं किया जाएगा . अदालत की सुरक्षा के लिए सरकार के पास कार्ययोजना है .’
उन्होंने कहा कि बिजनौर जैसी घटनाओं को सरकार रोकेगी . उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, महिलाओं और पूरे प्रदेश की सुरक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
योगी ने कहा कि हर बेटी और बहन की सुरक्षा, हर नागरिक की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार लेगी . किसी को अराजकता फैलाने की छूट सरकार नहीं देगी.
सदन ने नियम 56 के तहत दी गयी सूचना और अन्य सूचनाओं को ध्वनिमत से निरस्त कर दिया . हालांकि कानून व्यवस्था के मुददे पर सरकार को घेरने वाले विपक्षी सदस्यों ने आसन के सामने आकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी.