गुरुग्राम: पेरिस ओलंपिक्स में फाइनल से ठीक पहले वजन सीमा से 100 ग्राम ज़्यादा होने की वजह से डिसक्वालिफाई होने के 18 महीने बाद, पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को मैट पर वापसी का ऐलान किया है.
31-वर्षीय विनेश, जो हरियाणा के जुलाना से कांग्रेस की विधायक हैं, उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि वे 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक्स के लिए रिटायरमेंट से वापस आ रही हैं.
यह ऐलान उस निर्णय का उलट है, जो तीन बार ओलंपिक खेल चुकीं विनेश ने पिछली बार पेरिस ओलंपिक्स के बाद लिया था — जब भारतीय खेल जगत के सबसे दर्दनाक पलों में से एक में उन्हें फाइनल से पहले ही सिर्फ 100 ग्राम ज़्यादा वजन होने की वजह से 50 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग से बाहर कर दिया गया था.
विनेश ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस ही अंत था. काफी वक्त तक मेरे पास भी इसका जवाब नहीं था. मुझे मैट से, दबाव से, उम्मीदों से—यहां तक कि अपनी महत्वाकांक्षाओं से भी दूर जाना पड़ा. सालों बाद मैंने खुद को सांस लेने की इजाज़त दी है.”
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 12, 2025
उथल-पुथल से भरी एक यात्रा
पेरिस तक पहुंचने का विनेश का रास्ता सीधा नहीं था, बल्कि उथल-पुथल से भरा हुआ था. उस दर्दनाक डिसक्वालिफिकेशन से बहुत पहले, उन्होंने मैट के बाहर ऐसी लड़ाइयां लड़ी थीं जिनका कुश्ती से कोई लेना-देना नहीं था.
जनवरी 2023 में, ओलंपिक मेडलिस्ट और साथी पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ, विनेश हफ्तों तक दिल्ली के जंतर-मंतर की ठंडी सड़क पर बैठीं—भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ विरोध में.
बृजभूषण शरण सिंह, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद हैं, उन पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
फोगाट और अन्य शीर्ष पहलवान, खुले आसमान के नीचे सोए, मौसम की मार झेली और आने वाले इवेंट्स के लिए फिट रहने व दिल्ली की ठंड से निपटने के लिए खुले में स्ट्रेचिंग कर अभ्यास किया.
मई 2023 तक, गुस्सा चरम पर पहुंच गया था और पहलवानों ने नवनिर्मित संसद भवन तक मार्च करने की कोशिश की.
इसके बाद जो हुआ, वह तस्वीरों में हमेशा याद रह गया—चैंपियन एथलीटों को दिल्ली पुलिस द्वारा रोकना, सड़क से घसीटकर ले जाना.
हताशा और विरोध के एक पल में, पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में फेंकने की धमकी दी थी.
अगस्त 2024 में विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक्स में उतरीं, इन संस्थागत लड़ाइयों और निजी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में, अपने साथ सिर्फ मेडल की उम्मीदों का बोझ नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय की लड़ाई का भार भी लेकर.
ओलंपिक की हार से राजनीतिक जीत तक
विनेश का अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ ओलंपिक गोल्ड मेडल मैच की सुबह डिसक्वालिफाई होना पूरे देश के लिए चौंकाने वाला था. लोग उनके लिए जीत की दुआ कर रहे थे.
उनका वज़न लगभग 50.1 किलो निकला, यानी कैटेगरी से सिर्फ 100 ग्राम ज़्यादा जबकि उन्होंने पूरी रात वजन कम करने की कोशिश की थी.
भारत की पहली महिला पहलवान के रूप में ओलंपिक फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने के बाद, उनकी सारी उम्मीदें एक ही रात में खत्म हो गईं.
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के मुताबिक, न सिर्फ उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया, बल्कि उनके पिछले सभी मुकाबलों के नतीजे भी रद्द कर दिए गए.
उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) से संयुक्त सिल्वर मेडल की अपील की, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया जो उनके लिए एक और बड़ा झटका था.
विनेश ने अपने पहले मुकाबले में चार बार की वर्ल्ड चैंपियन और टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट यूई सुजुकी को हराया था जिसे ओलंपिक रेसलिंग इतिहास के सबसे बड़े उलटफेर में से एक बताया गया.
CAS के फैसले के कुछ ही घंटों बाद, विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी.
कुछ दिनों के भीतर ही उन्होंने साथी पहलवान बजरंग पुनिया के साथ कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली, 2024 हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले. अक्टूबर में उन्होंने जींद जिले की जुलाना सीट से बीजेपी के योगेश बजरंगी को हराकर जीत हासिल की.
एक मां की प्रेरणा
हालांकि, राजनीति, ऐसा लगता है, उनकी अंदर की ‘पहलवान की आग’ को बुझा नहीं सकी. अपनी ताज़ा पोस्ट में विनेश ने बताया कि खेल से दूर रहने के दौरान उन्होंने अपने खेल के प्रति प्यार फिर से महसूस किया.
उन्होंने लिखा, “मैंने अपनी यात्रा को समझने के लिए समय लिया—उतार-चढ़ाव, दर्द, त्याग…वो सब रूप जो दुनिया ने कभी नहीं देखे और उसी सोच में मुझे सच मिला: मुझे अब भी यह खेल पसंद है. मैं अब भी खेलना चाहती हूं.”
“उस शांति में, मुझे वो चीज़ मिली जो मैं भूल चुकी थी—‘वो आग कभी बुझी ही नहीं’. वह बस थकान और शोर के नीचे दब गई थी. अनुशासन, रूटीन, लड़ाई…यह सब मेरी आदत में है. चाहे मैं कितनी भी दूर चली जाऊं, मेरा एक हिस्सा हमेशा मैट पर रहता है.”
इस बार, विनेश यह सफर अकेले तय नहीं करेंगी. फोगाट और उनके साथी पहलवान सोमवीर राठी ने जुलाई 2025 में एक बेटे का स्वागत किया. उनका कहना है कि उनका बेटा उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा होगा.
विनेश ने घोषणा की, “तो मैं यहां हूं—LA28 की ओर फिर से कदम बढ़ाते हुए, एक ऐसे दिल के साथ जिसे अब डर नहीं लगता और एक ऐसी आत्मा के साथ जो झुकना नहीं जानती. और इस बार मैं अकेली नहीं हूं—मेरा बेटा मेरी टीम में है, मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा, LA ओलंपिक्स के इस रास्ते पर मेरा छोटा चीयरलीडर.”
इस निर्णय के साथ, विनेश उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हो गईं जिन्होंने मातृत्व के बाद दोबारा प्रतिस्पर्धी खेल में वापसी की है और यह दिखाया है कि मां बनना और ओलंपिक सपने, दोनों साथ चल सकते हैं.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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