नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के आंकड़े 11 हजार के आंकड़े पार कर गए हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,076 नये मामले सामने आये हैं. हर दिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार नई रणनीति बना रही है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि देशभर को हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन में बांटा गया है. इसके तहत देश में 170 जिलों को हॉटस्पॉट (संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र) घोषित किया, 207 की पहचान गैर-हॉटस्पॉट के रूप में की गई है. यही नहीं लगातार बढ़ रहे आकंड़े को देखते हुए सरकार ने अब जिला स्तर पर कोविड-19 के लिए एक संकट प्रबंधन योजना बनाने की बात भी कही है जिसके लिए देश भर के सभी जिलों के जिला अधिकारियों से बात की गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि मंत्रालय ने कोविड-19 प्रबंधन योजना बनाने के लिए कहा है और साथ ही यह भी कहा है कि एक की असफलता पूरे देश की असफलता का कारण हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि हर जिले में कंटेनमेंट प्लान समान रूप से लागू किया जाए. अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिलों को बताया गया है कि वो कोविड डेडिकेटिड अस्पताल, माइल्ड केस के लिए कोविड केयर सेंटर और गंभीर मामलों के लिए कोविड हेल्थ सेंटर, नाजुक मामलों के लिए कोविड अस्पताल बनाएं (जहां वेंटिलेटर भी मौजूद हो).
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवालदेश के जिलों को हॉटस्पॉट जिले, नॉन-हॉटस्पॉट जिले(जहां मामले सामने आ रहे हैं )और ग्रीन ज़ोन जिलों(जहां कोई मामला सामने नहीं आया है) में बांटा गया है. हॉटस्पॉट जिले वो हैं जहां ज्यादा मामले आ रहे हैं या मामलों की बढ़ने की गति तेज है. लेकिन उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि भारत में अब तक सामुदायिक स्तर पर संक्रमण नहीं हुआ है, हालांकि स्थानीय स्तर पर संक्रमण का कुछ प्रसार हुआ है सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बादे में उन्होंने बताया कि हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन की पहचान की गई है, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है.
वहीं, उन्होंने कहा है कि राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से एक विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है और लॉकडाउन का सदुपयोग करने के लिए कहा गया है. साथ ही लव अग्रवाल ने यह भी बताया कि कैबिनेट सचिव ने आज राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, हेल्थ सेक्रेटरी, कलेक्टर, एसपी, नगर आयुक्त और सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए बात की. राज्य सरकारों के साथ बातचीत में हॉटस्पॉट को लेकर चर्चा हुई. जिलों को बताया गया है कोविड अस्पताल बनाए. जो जिले अभी तक कोरोना के संक्रमण से बचे हुए हैं, उन्हें बचाकर रखने के लिए कहा गया है. वहां भी पहले से ही टीम बनाकर रखना है. यहां भी निगरानी और क्लिनिकल मैनेजमेंट पर ध्यान देना है.
आवश्यक सेवाओं से जुड़ी गतिविधियों को छोड़ कर नियंत्रित क्षेत्रों में आवाजाही की अनुमति नहीं दी जायेगी, विशेष टीम कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों का पता लगायेगी और नमूने एकत्र किए जाएंगे तथा जांच की जायेगी.