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Tuesday, 17 December, 2024
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महात्मा गांधी की अहिंसावादी नीति से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ के 16 माओवादियों ने किया सरेंडर

लोन वर्राटू के तहत जून 2020 से अबतक 75 ईनामी सहित 288 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस का लक्ष्य अभियान के एक साल पूरा होने तक 500 माओवादियों को सरेंडर कराने का है.

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रायपुर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शांति संदेश से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 2 ईनामी सहित 16 नक्सलियों ने शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इनमें से 11 स्थानीय माओवादी पहले ही चिन्हित थे जिनके नाम के पर्चे और पोस्टर्स सुरक्षाबलों द्वारा क्षेत्र में लगाए गए थे.

दंतेवाड़ा पुलिस ने दिप्रिंट को बताया कि माओवादियों ने सरेंडर का दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को चुना, उनके अहिंसा के संदेश और मुख्यधारा से जुड़ने के प्रति अपनी निष्ठा माना है.

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक के अनुसार 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने किया. इनमें से दो नक्सली 28 वर्षीय मड़काम हुर्रा और 35 वर्षीय हूंगा बारसा पर एक एक लाख रुपए का ईनाम की घोषित था.

दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने दिप्रिंट को बताया, ‘सरेंडर करने वाले नक्सली दरभा घाटी डिवीज़न में आनेवाले मलांगीर एरिया कमेटी के सदस्य थे जो जिले के किरंदुल और बचेली थाना क्षेत्रों में सक्रिय थे.’

‘नक्सलियों ने सरेंडर महात्मा गांधी के विचारधारा के प्रति निष्ठा दिखाते हुए पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास अभियान स्थानीय बोली में ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आओ) के अंतर्गत किया है. इनमें से 14 पुलिस द्वारा पहले से चिन्हित थे और उनसे पोस्टर्स, बैनर्स और उनके रिश्तेदारों के माध्यम से सरेंडर करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा था. सरेंडर करने वाले ईनामी माओवादी मिलिशिया कमांडर थे.’

पल्लव के अनुसार जून 2020 में शुरू किए गए लोन वर्राटू अभियान के तहत स्थानीय नक्सलियों को पहले विधिवत चिन्हित किया गया था जिसमें 1600 नाम सामने आये थे. इसके बाद इनको सरेंडर करने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार पहल की जा रही है.

दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘लोन वर्राटू के तहत अबतक 75 ईनामी सहित 288 माओवादियों आत्मसमर्पण कर चुके हैं. पुलिस का लक्ष्य एक साल पूरा होने तक 500 माओवादियों को सरेंडर कराने का है, हो सकता यह संख्या ज्यादा भी हो जाए.’

पुलिस के अनुसार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के साथ महात्मा गांधी के सम्मान में पहले एक ‘तिरंगा’ रैली में भी भाग लिया और फिर पौधे लगाए. नक्सलियों ने महात्मा गांधी के विचारों का प्रसार करने के लिए सम्पन्न एक संगोष्ठी में भी भाग लिया.

पल्लव ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तत्काल सहायता के रूप में दस हजार रुपये दिये गये है और आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेगी.

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने दावा किया किया माओवादियों द्वारा सरेंडर करने की गति में तेजी आ रही है. ऐसा ही चलता रहा तो दंतेवाड़ा 2-3 वर्षों में माओवाद विहीन हो जाएगा.


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