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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशपूर्वी लद्दाख में टकराव पर भारत और चीन में 13वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत शुरू

पूर्वी लद्दाख में टकराव पर भारत और चीन में 13वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत शुरू

उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर और फिर अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के घुसपैठ की कोशिशों के बाद 13वें दौर की वार्ता हो रही है.

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नई दिल्ली:  भारत और चीन के बीच दो महीने के बाद रविवार को एक और दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हो रही है. सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में बाकी के टकराव स्थलों से सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ना है.

सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर हो रही है. उन्होंने बताया कि वार्ता सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई.

लगभग तीन हफ्ते पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में बाकी के मुद्दों के जल्द समाधान के लिए दोनों पक्षों को काम करना होगा. विदेश मंत्री के इसी बयान के चलते यह वार्ता हो रही है.


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दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने 16 सितंबर को दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी.

इससे पहले, भारत और चीन के बीच 31 जुलाई को 12वें दौर की वार्ता हुई थी. कुछ दिन बाद, दोनों देशों की सेनाओं ने गोगरा से अपने सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी. इसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया था.

रविवार को हो रही वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं.


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सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने शनिवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की ओर से सैन्य जमावड़ा और व्यापक पैमाने पर तैनाती अगर जारी रहती है तो भारतीय सेना भी अपनी तरफ अपनी मौजूदगी बनाए रखेगी जो ‘पीएलए के समान ही है.’

चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं के कारण 13वें दौर की वार्ता हो रही है. पहला मामला उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में और दूसरा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में सामने आया था.


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