नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) दिल्ली में बिना वैध दस्तावेजों के रहने के आरोप में पांच नाबालिगों समेत 13 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि हिरासत में लिये गये मोहम्मद रफीकुल (50), खोतेजा बेगम (41), मोहम्मद अनवर हुसैन (37), मोहम्मद अमीनुल इस्लाम (28), जोरिना बेगम (27), अफरोजा खातून (25), मोहम्मद खाखोन (20), हसना (19) और पांच नाबालिग बांग्लादेश के खुदीग्राम के रहने वाले है।
उन्होंने बताया कि एक अभियान के दौरान बाहरी दिल्ली के औचंदी गांव में इन सभी को हिरासत में लिया गया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने कहा, ‘‘यह अभियान इस विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया था कि ये बांग्लादेशी गांव में अपने लिए मकान तलाश रहे हैं। एक टीम ने 13 मई को जाल बिछाया और 13 लोगों को हिरासत में लिया।’’
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान इन लोगों ने बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूली और यह भी माना कि भारत में रहने के लिए उनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इन 13 लोगों ने यह भी खुलासा किया कि वे दो साल पहले जलील अहमद नामक एक बांग्लादेशी एजेंट की मदद से भारत में घुसे थे।
पुलिस के मुताबिक, ये सभी 13 लोग अपने गांव से बस द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा तक पहुंचे और बिना बाड़ वाले खेतों से होते हुए भारतीय क्षेत्र में दाखिल हुए। वहां से उन्होंने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार स्टेशन तक जाने के लिए एक ऑटोरिक्शा किराये पर लिया।
पुलिस का कहना है कि कूचबिहार से यह समूह दिल्ली के लिए ट्रेन में सवार हुआ और अंततः बस से हरियाणा के खरखौदा पहुंचा। उन्हें खरखौदा के सिसाना गांव में एक ईंट भट्टे पर अस्थायी मजदूर के रूप में काम मिल गया।
पुलिस ने बताया कि उनके पास से बांग्लादेशी पहचान के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
भाषा
राजकुमार मनीषा
मनीषा
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