नयी दिल्ली/ अमेरिका/ बीजिंग: चीन से फैला प्राणघातक कोरोनावायरस का संक्रमण अमेरिका से लेकर भारत तक फैलने का खतरा बना हुआ है.अभी तक चीन में इस वायरस की चपेट में आने से 80 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि 2300 से अधिक लोगों में संक्रमण पाया गया है. चीन से दुनिया भर में जा रहे लोगों को देखते हुए दुनियाभर में सतर्कता बरती जा रही है. हालांकि, भारत में अभी चीन से आए लोगों में इस वायरस का संक्रमण देखने को नहीं मिला है. लेकिन बिहार के छपरा में चीन से हाल ही में लौटी लड़की में संक्रमण की बात कही जा रही है. जबकि राजस्थान में चीन से लौटे लोगों के मद्देनजर स्वास्थय विभाग और कर्मचारियों को सतर्क कर दिया गया है. अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को जहां पांच मामलों की पुष्टि की है और कहा है कि यहां इस विषाणु से संक्रमण के कुछ और मामले सामने आ सकते हैं.
पटना में बढ़ा खतरा, लड़की आईसीयू में भर्ती
पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के सुपरीटेंडेंट ने कहा कि छपरा से एक लड़की अस्पताल लाई गई है, जिसके लक्षण कोरोनावाइरस से मिलते जुलते हैं. उसे आईसीयू में एडमिट किया गया है. वह हाल ही में चीन से वापस लौटी है.
राजस्थान में भी इस बीमारी से ग्रसित मरीज के आने की रिपोर्ट सामने आई है. हालांकि अभी मामले की पुष्टि नहीं हो सकी है. कोरोनावाइरस से पीड़ित होने की संका में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने निर्देश दिया है कि मरीज को आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है. मरीज चीन से हाल ही में मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर भारत लौटा है. सूचना के मुताबिक राजस्थान के चार जिलों में करीब 18 लोग चीन से भारत लौटे हैं. शर्मा ने कहा कि इन चारों जिलों के चिकित्सा प्रमुख और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि 28 दिनों तक चीन से भारत लौटे लोगों के परिवार वालों के घरों पर पैनी नजर रखी जाए.
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को 137 उड़ानों से आए 29,707 यात्रियों की जांच की है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक मामला सामने नहीं आया है. मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘137 उड़ानों के 29,707 यात्रियों की जांच की गई. आज 22 उड़ानों के 4,359 यात्रियों की जांच की गई, कोरोनावायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया.’
मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘नेपाल में कोरोनावायरस के एक मामले की पुष्टि होने के मद्देनजर भारत ने नेपाल की सीमा से सटे जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है. उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट और जौलजीबी में नेपाल के साथ लगती सीमा पर स्वास्थ्य दल तैनात किए गए हैं.’
अमेरिका में पांच लोगों को हुई वायरस की पुष्टि
अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को जहां पांच मामलों की पुष्टि की है और कहा है कि यहां इस विषाणु से संक्रमण के कुछ और मामले सामने आ सकते हैं. अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र में श्वसन संबंधी रोग संभाग की प्रमुख नैन्सी मेसोनियर ने बताया कि 26 राज्यों में करीब 100 लोगों में कोरोनावायरस संक्रमण की जांच की गई है. इस विषाणु के मामले सबसे पहले चीन के वुहान शहर से सामने आए थे.
उन्होंने एक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा कि पीड़ित सभी लोग वुहान गए थे. मेसोनियर ने कहा, ‘ अमेरिका में सामने आया हर एक मामला ऐसा हैं जिसमें पीड़ित का वुहान से सीधा संपर्क था.’
हालांकि उन्होंने इस पर जोर दिया कि अमेरिकी लोगों के लिए बीमारी का खतरा ‘अभी मौजूदा समय’ में कम है.
टीका विकसित करने का चीन में प्रयास तेज
इसी बीच चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग कोरोनावायरस प्रभावित वुहान शहर पहुंचे और चीन में वैज्ञानिक प्राणघातक कोरानावायरस के खिलाफ टीका विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं. इस बीच रविवार को इस विषाणु से अकेले चीन में मरने वालों की तादाद 56 हो गई, वहीं सार्स जैसे विषाणु से संक्रमित होने वालों की संख्या 3000 पहुंचने की आशंका हैं जिसके मद्देनजर प्रशासन ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंधों में विस्तार किया है.
हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान 1.1 करोड़ आबादी वाला शहर है और संक्रमण का मुख्य केंद्र हैं. हुबेई के महापौर ने बताया कि 56 लोगों की मौत हुई है, 1975 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि शहर में 1,000 नए मरीज होने की आशंका है. यह जानकारी सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने दी. हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक अभी तक 80 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है.
महापौर झोउ शियांवांग ने कहा, ‘यह संभव है कि करीब एक हजार विषाणु संक्रमण के मामले हैं.’ उन्होंने यह दावा अस्पतालों में मरीजों के परीक्षण और निगरानी में रखे गए लोगों के आधार पर किया है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोरोनावायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए उच्चस्तरीय समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली क्विंग करेंगे. उन्होंने इसके साथ ही खुलासा किया कि विषाणु के फैलने की ताकत और बढ़ रही है.
चीन के रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (सीडीसी) के निदेशक झू वेनबो ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से रविवार को कहा कि सीडीसी के शोधकर्ताओं ने विषाणु को अलग कर लिया है उसके टीके के लिए ‘‘ स्ट्रेन’’ का चुनाव कर रहे हैं.
झु ने बीजिंग में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि शोधकर्ताओं ने रोगाणु की आनुवांशिकी कड़ी का पता दो जनवरी को वुहान से भेजे गए नमूने के अगले दिन ही लगा लिया गया था.
हांगकांग से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने रविवार को बताया कि नया कोरोनावायरस इनक्युबेशन काल (अंडे सेने का समय)जो 14 दिनों का होता है और संक्रमण फैला सकता है और इस प्रकार विषाणु के संक्रमण फैलाने की क्षमता मजबूत हो रही है.
एनएचसी का प्रभार देख रहे मंत्री मा झियावेई ने बताया कि प्रशासन की विषाणु के प्रति जानकारी सीमित है और वे इसमें होने वाले बदलाव से होने वाले खतरे के बारे में अनभिज्ञ हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह महामारी की स्थिति कुछ समय तक जारी रह सकती है.’
मा ने बताया कि सार्स (सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) की तरह कोरोनावायरस भी इंक्यूबेशन काल में संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है. उन्होंने दोहराया कि विषाणु से संक्रमित लोगों में तुरंत लक्षण सामने नहीं आते हैं.
इस बीमारी का केंद्र वुहान और हुबेई प्रांत के 17 अन्य शहरों को बताया जा रहा है जहां विषाणु ने सबसे अधिक लोगों की जान ली है लेकिन अब बीजिंग समेत चीन के अन्य प्रांतों और शहरों में भी इस प्रकार के मामले तेजी से फैल रहे हैं .
वुहान से शुरू संक्रमण पूरे चीन में फैल गया है और अमेरिका सहित करीब एक दर्जन देशों में इससे संक्रमण होने की पुष्टि हुई है. अमेरिका, फ्रांस और रूस अपने नागरिकों को वुहान से निकालने की तैयारी कर रही है. वहीं अन्य देश संक्रमण रोकने के लिए संभावित संक्रमितों को अलग स्थान पर रखने की वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है.
शहरों को बंद करने के साथ सरकार और अधिक डॉक्टरों और नर्सों को वुहान भेज रही है. 1350 स्वास्थ्यकर्मी पहले ही वुहान पहुंच चुके हैं और 1,000 स्वास्थ्य कर्मियों को और भेजा जा रहा है.
हालात के गंभीर होने के बीच, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को कहा कि चीन एक ‘‘गंभीर स्थिति’’ का सामना कर रहा है लेकिन साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि चीन कोरोनावायरस के खिलाफ इस लड़ाई को जीत लेगा.
सार्स जैसी इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अपने चहुंमुखी प्रयासों में तेजी लाते हुए चीन ने रविवार को ऐलान किया कि वह वुहान में अगले 15 दिन में 1300 बिस्तरों का एक और अस्थायी अस्पताल बनाएगा. शहर में इस समय एक हजार बिस्तरों का अस्पताल पहले ही बनाया जा रहा है जिसका काम दस दिन में पूरा हो जाएगा.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)