हैदराबाद, 28 फरवरी (भाषा) हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में पोर्टिको के निर्माण के लिए अस्थायी रूप से बनाए गए ढांचे के ढह जाने से 11 श्रमिक घायल हो गए।
घटना के बाद छात्र संघ ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया।
विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार, यह दुर्घटना बृहस्पतिवार रात विश्वविद्यालय परिसर में एक निर्माण स्थल पर हुई, जिसमें निर्माण कार्य में लगे 11 श्रमिक घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि घायल श्रमिकों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया और बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीम की निगरानी में मलबे को हटाया गया और इस बात की पुष्टि की गई कि मलबे में कोई श्रमिक नहीं फंसा है।
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को सौंपा गया है।
विश्वविद्यालय के बयान के अनुसार, सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि पोर्टिको का काम पूरा करते समय ढांचा ढह गया, जिससे यह दुर्घटना हुई।
रजिस्ट्रार ने घटना के कारणों की जांच करने, निर्माणाधीन भवन का सुरक्षा ‘ऑडिट’ करने और शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए तीन मार्च तक एक समिति गठित किए जाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि समिति परिसर में निर्माणाधीन अन्य सभी भवनों की गुणवत्ता और सुरक्षा की भी समीक्षा करेगी, जबकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं जाएंगे।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया भी कर रहा है।
इस बीच, हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रशासन से घटना की जवाबदेही की मांग की और लापरवाही तथा कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष आकाश कुमार ने कहा, ‘‘हमने विरोध प्रदर्शन किया और एक पारदर्शी और स्वायत्त जांच समिति की मांग की, जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और छात्र संघ के प्रतिनिधि शामिल हों।’’
घटना के बाद, विश्वविद्यालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि घायल श्रमिकों को उचित चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाए।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि समझौता ज्ञापन के अनुसार, ठेकेदार/एजेंसी द्वारा चिकित्सा व्यय वहन किया जाएगा।
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप
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