नई दिल्ली: लाल किले के पास हुए धमाके से ठीक 11 दिन पहले, बम बनाने वाला आरोपी अपनी i20 कार में फरीदाबाद से नूंह गया था. इसी कार में वही गोला-बारूद भरा था, जो 10 नवंबर को राजधानी लौटने के बाद फट गया.
जांचकर्ताओं ने दिप्रिंट को बताया कि वह नूंह में डॉ. उमर उन नबी की हर हरकत को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं—वह कहां छिपा था और क्या किसी से मिला—इन सबकी जांच की जा रही है, क्योंकि इसी दौरान दिल्ली में हुए आतंकवादी हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी.
27 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शोपियां से मौलवी इरफान अहमद को गिरफ्तार किया था, जब इलाके में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के समर्थन वाले पोस्टर लगाए गए थे.
उसकी गिरफ्तारी के दो दिन बाद, नबी और उसके एक साथी ने फरीदाबाद के एक डीलर से i20 खरीदी. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने उसी दिन कार में विस्फोटक सामग्री भर दी थी.
30 अक्टूबर तक, नबी के साथी और फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में उसके सहयोगी—डॉ. मुज़म्मिल शाकिल को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि उस पर टेरर मॉड्यूल में शामिल होने का शक था. उसी दिन नबी i20 लेकर नूंह के लिए निकल गया.
हालांकि, शाकिल अल-फलाह यूनिवर्सिटी के स्टाफ क्वार्टर में रहता था, लेकिन फरीदाबाद के धौज गांव में जो दो मकान किराए पर लिए गए थे, वह उसके नाम पर थे. इन्हीं घरों में करीब 3,000 किलो विस्फोटक सामग्री जमा की गई थी, जिसमें ज्यादातर अमोनियम नाइट्रेट था.
शाकिल और मौलवी की गिरफ्तारी से पुलिस को डॉ. अदील अहमद राठर तक पहुंच मिली—जो मॉड्यूल का एक और संदिग्ध सदस्य था और यूपी के सहारनपुर में डॉक्टर था. राठर को 6 नवंबर तक गिरफ्तार कर लिया गया था.
8 से 10 नवंबर के बीच, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने धौज की दोनों जगहों से मिली पूरी विस्फोटक सामग्री बरामद कर ली थी.
सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जांचकर्ता 3 नवंबर तक नबी की गतिविधियों और उसकी भूमिका के बारे में जान चुके थे—यानी दिल्ली धमाके से एक हफ्ता पहले, लेकिन डॉक्टर ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उसका पता लगाना मुश्किल हो गया.
एक सूत्र ने शनिवार को कहा, “नबी की हरकतें और घटनाओं की सटीक कड़ी अभी पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन अब तक की जांच से पता चला है कि जब नबी नूंह के लिए निकला था, तो जिस i20 को वह चला रहा था, उसमें वही विस्फोटक भरे थे जिन्हें धमाके की वजह माना जा रहा है.”
वह अभी तक नबी की नूंह में की गई हर गतिविधि का पता नहीं लगा पाए हैं.
लेकिन CCTV फुटेज से पता चलता है कि वह 10 नवंबर की तड़के एनसीआर वापस आया — i20 को नूंह के फिरोजपुर झिरका टोल प्लाजा पर लगभग 1.30 बजे देखा गया और बाद में बदरपुर टोल प्लाजा पर भी.
इसके बाद नबी दिल्ली में दाखिल हुआ, जहां वह पूरे दिन शहर में इधर-उधर घूमता रहा.
दूसरे सूत्र ने कहा, “हमें शक है कि वह दिल्ली के वज़ीरपुर में भी रुका था” और यह भी कहा कि जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वह दिल्ली में किसी से मिला था या उसने विस्फोटक में और छेड़छाड़ की थी.
पहले सूत्र ने कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि लाल किला धमाका ‘प्री-मैच्योर’ हमला था या जानबूझकर किया गया, लेकिन CCTV फुटेज में नबी परेशान दिखता है.
सूत्र ने कहा, “वह बेचैन दिख रहा है. हमारी जांच में सामने आया है कि उसे विस्फोटक सामग्री जोड़ना आता था. वह बैचेन हो रहा था और जल्द से जल्द सीरियल ब्लास्ट करना चाहता था.”
उन्होंने आगे कहा, “वह 30 अक्टूबर को विस्फोटक सामग्री लेकर क्यों निकला, फिर 10 तारीख को क्यों लौटा और उसके बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन क्यों गया — यह अब भी जांच का विषय है. यह सुचिंतित योजना थी या अचानक लिया गया फैसला, यह तय किया जाना बाकी है. एक बात साफ है—पहली गिरफ्तारियों के बाद वह घबरा गया था.”
धमाका शाम 6.52 बजे हुआ और नबी कार में अकेला था. ब्लास्ट साइट से मिले नमूनों की डीएनए जांच उसकी मां के डीएनए से मैच हुई, जिससे साबित हुआ कि धमाके के समय कार वही चला रहा था.
कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला नबी ‘व्हाइट कॉलर’ टेरर मॉड्यूल का एक मुख्य सदस्य था, जिसमें कई डॉक्टर शामिल थे. जांचकर्ताओं के मुताबिक, यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गज़वत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था.
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