श्रीनगर: यह सब सुबह 3:33 बजे MCB में शॉर्ट सर्किट से शुरू हुआ, जब बुधवार को कश्मीर के गुलमर्ग में स्थित 106 साल पुराने महारानी मंदिर में एक मिनट से भी कम समय में आग लग गई, जिससे यह पूरी तरह राख हो गया. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.
लकड़ी की संरचना, महारानी मंदिर, जिसे रानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, गुलमर्ग हिल स्टेशन में एक टीले पर स्थित है. इस मंदिर का निर्माण कश्मीर के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह की पत्नी मोहिनी बाई सिसोदिया ने करवाया था.
हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन प्राचीन मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, साथ ही अंदर मौजूद देवताओं की सौ साल पुरानी मूर्तियों को भी एक समारोह के बाद नदी में विसर्जित कर दिया गया. घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज किया.
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने सीसीटीवी फुटेज देखी, जिसमें पता चला कि सुबह करीब 3:33 बजे मंदिर के ऊपर से एक एमसीबी में चिंगारी निकली. कुछ धुआं निकला और एक मिनट से भी कम समय में आग ने पूरे मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया. 10 मिनट के भीतर पूरा मंदिर जलकर खाक हो गया.”
चूंकि, गुलमर्ग मुख्य रूप से गैर-आवासीय क्षेत्र है, इसलिए किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली.
अधिकारी ने कहा कि यह एक दुकानदार था, जो इलाके में एक छोटी सी दुकान चलाता है, जिसने सबसे पहले चिंगारियों को देखा और अग्निशमन विभाग के साथ-साथ मंदिर के रखवाले, एक मुस्लिम, जो मंदिर के बगल में रहता है, को सूचित किया.
अधिकारी ने कहा, “जांच से पता चला है कि यह शॉर्ट सर्किट था, जिससे आग लगी. यह पूरी तरह से लकड़ी का ढांचा है, जिसकी वजह से आग बहुत तेज़ी से फैली. अंदर कई लैंप, पंखे हैं और हमें संदेह है कि वायरिंग में खराबी के कारण यह हुआ हो सकता है. आग लगने वाली रात, मौसम भी खराब था, तूफान और बिजली गिर रही थी. हो सकता है कि इसकी वजह से भी हादसा हुआ हो.”
प्राचीन काल में इस मंदिर को डोगरा के राजाओं का शाही मंदिर माना जाता था और इसका रखरखाव धर्मा ट्रस्ट द्वारा किया जाता है.
मोहिनेश्वर शिवालय के नाम से भी जाना जाने वाला यह मंदिर इस तरह से बनाया गया था कि इसे गुलमर्ग के सभी कोनों से देखा जा सके और इसमें शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती की मूर्तियां और एक शिवलिंग था. इस मंदिर को राजेश खन्ना और मुमताज की हिट फिल्म आप की कसम में ‘जय जय शिव शंकर’ गाने में भी फिल्माया गया था.
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‘सब कुछ जल गया, जल्द ही जीर्णोद्धार शुरू होगा’
पिछले 12 सालों से मंदिर की देखभाल कर रहे मंजूर ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “यह बेहद बुरा हुआ. उस रात जब मैंने मंदिर को जलते हुए देखा तो मैं चौंक गया.”
एक दुकान मालिक ने बुधवार की सुबह मंजूर को आग के बारे में बताया था.
उन्होंने कहा, “उस रात बहुत तेज़ बिजली के साथ तूफान आया था इसलिए मैंने रात 8:45 बजे मंदिर बंद कर दिया और अपने कमरे में चला गया. सुबह करीब 3:30 बजे मुझे एक दुकान मालिक से आग के बारे में सूचना मिली और मैं यह देखने के लिए दौड़ा कि क्या हुआ है. मंदिर में आग लग गई थी. चूंकि उसने पहले ही अग्निशमन विभाग को सूचित कर दिया था, इसलिए वे कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गए.”
आग को पूरी तरह से बुझाने में दमकल गाड़ियों को 3 घंटे से ज़्यादा का समय लगा, लेकिन मंदिर के अंदर कुछ भी नहीं बचाया जा सका.
उन्होंने कहा, “मैं 12 साल से इस मंदिर की देखभाल कर रहा हूं. मुझसे पहले, एक और मुस्लिम रखवाले थे, जो सेवानिवृत्त हो गए. वे 40 साल से यहां थे. मुझे यह देखकर दुख होता है कि मूर्तियों सहित पूरा मंदिर पूरी तरह से जल गया. पुलिस कह रही है कि शॉर्ट सर्किट के कारण ऐसा हुआ है. पूजा के बाद मूर्तियों को नदी में विसर्जित कर दिया गया है.”
चूंकि, मंदिर का रखरखाव धर्मा ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों अन्य मंदिरों का भी रखरखाव करता है, इसलिए अधिकारी जल्द ही इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू करेंगे.
धर्मा ट्रस्ट के अतिरिक्त सचिव अविनाश फोतेदार ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आर्किटेक्ट और ठेकेदारों को पहले ही नियुक्त कर लिया है.
फोतेदार ने कहा, “हम मंदिर के पुनर्निर्माण की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं, जो पूरी तरह से नष्ट हो चुका है. हमने पहले ही लोगों को नियुक्त कर लिया है और हमें किसी भी मंजूरी या रसद सहायता के लिए जिला अधिकारियों द्वारा सहायता दी जा रही है. हम सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर जल्द से जल्द पहले जैसा हो जाए.”
उन्होंने कहा, “मंदिर का पुनर्निर्माण करना एक चुनौती है, क्योंकि यह एक विरासत मंदिर था जो 106 साल पुराना था, लेकिन हम इसे फिर से बनाने की पूरी कोशिश करेंगे. हमने परियोजना के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है, क्योंकि अभी मौसम भी बारिश के साथ अप्रत्याशित है, लेकिन हम इसे प्राथमिकता देंगे.”
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