रांची, 29 अगस्त (भाषा) सीबीआई की एक अदालत ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का समेत 10 लोगों को छोटा नागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े भूमि अधिग्रहण मामले में दोषी ठहराया।
एजेंसी के अनुसार, आरोपियों को अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए सीएनटी अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए रांची जिले में आदिवासियों की जमीन अवैध रूप से हासिल करने के लिए फर्जी पते बनाने का दोषी पाया गया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक बयान में कहा गया है, ‘‘सीबीआई, रांची के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आज सीएनटी अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े भूमि अधिग्रहण मामले में 10 आरोपियों – अनोश एक्का, मेनन एक्का, कार्तिक प्रभात, राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार, मणिलाल महता, ब्रजेश महतो और परशुराम करकेट्टा को दोषी ठहराया।’’
एजेंसी ने 2008 और 2009 में दायर दो जनहित याचिकाओं के संबंध में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 11 अगस्त, 2010 को पूर्व मंत्रियों हरि नारायण राय और एनोस एक्का तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि 2006 और 2008 के बीच, एक्का ने अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर रांची में 1.18 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर बड़े पैमाने पर ज़मीन खरीदी।
बयान में कहा गया है कि ये भूखंड अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों से भूमि संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करते हुए हासिल किए गए थे।
भूखंडों के विक्रेताओं ने रांची के भूमि सुधार उप समाहर्ता (एलआरडीसी) से अनुमति प्राप्त की थी।
बयान में कहा गया है, ‘‘एलआरडीसी, उनके कर्मचारी और अंचल अधिकारी ने मेनन और एनोस एक्का के साथ मिलीभगत करके उन्हें जमीन हस्तांतरित करने की सिफारिश कर दी। एलआरडीसी ने जमीन हस्तांतरण के लिए अपने अधीन तैनात कर्मचारियों से अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त की।’’
जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 10 दिसंबर, 2012 को 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया।
अदालत अगली सुनवाई की तारीख 30 अगस्त को सजा पर दलीलें सुनेगी।
भाषा वैभव अविनाश
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