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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशहरियाणा में कम हुईं 15 लाख भैंसें, अधिकारियों का कहना है कि डेयरी किसान क्वांटिटी की जगह क्वालिटी को दे रहे हैं तरजीह

हरियाणा में कम हुईं 15 लाख भैंसें, अधिकारियों का कहना है कि डेयरी किसान क्वांटिटी की जगह क्वालिटी को दे रहे हैं तरजीह

हरियाणा के पशुपालन व डेरी विभाग ने 2019 के आंकड़े हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक 2007 में राज्य में 59.53 लाख भैंसें अब घटकर 43.76 लाख रह गई है.

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नई दिल्ली: हरियाणा को भारत में भैंसों का हब कहा जाता है. 2012 से इनकी संख्या 24 फीसदी तक घटी है. घटती जमीनों, बढ़ते शहरीकरण और दूसरे राज्यों को बेचे जाने की इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.

हरियाणा के पशुपालन व डेरी विभाग ने 2019 के आंकड़े के मुताबिक 2012 में राज्य में कुल 57.64 लाख भैंसों के मुकाबले अब यह संख्या 43.76 लाख भैंसों की रह गई है. 2007 में राज्य में 59.53 लाख भैंसें की तुलना में देखें तो इसमें 27 फीसदी की गिरवाट है.

पशुधन की जनगणना हर पांच साल में की जाती है. हालांकि, यह नवीनतम जनगणना सात साल के बाद हुई है.

हरियाणा के पशुपालन और डेयरी विभाग ने मई में डेटा जारी किया और इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है.

आंकड़ों से पता चलता है कि भिवानी, जिंद और हिसार जिलों में भैंसों की संख्या में ज्यादा गिरावट आई है. ये मुर्रा बेल्ट के हिस्से हैं, मुर्रा जो कि राज्य में भैंस की सबसे लोकप्रिय नस्ल है.

पशुपालन विभाग के अधिकारी कहते हैं

इस नए ट्रेंड्स को लेकर हरियाणा का पुशपालन व डेरी विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि भैंसों की संख्या कम होने की चार वजहें हैं.

– पिछले सालों से हरियाणा में जमीन कम हुई है फलस्वरूप लोगों ने पशुओं की संख्या कम कर दी है. जो किसान पहले चार भैंसें पाल रहा था वो अब एक ही पाल रहा है.

– लोग बढ़िया क्वालिटी के पशुओं को पालना चाहते हैं. पहले क्वालिटी से ज्यादा क्वान्टिटी पर ध्यान दिया जा रहा था. इसलिए तीन नॉर्मल भैंसों को पालने की बजाय किसान एक मुर्रा भैंस पाल रहा. सिंह हालांकि कहते हैं कि भैंसों की संख्या कम हुई है लेकिन प्रति एनिमल प्रोडक्टिविटी हर दिन बढ़ी है. साल 2014-15 में ये 7.79 किलोग्राम थी लेकिन साल 2018-19 में ये 9.11 किलोग्राम हुई है.

राज्य में भैंसों कीसंख्या के घटने की अन्य वजहों में वह कहते हैं कि दूसरे राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों ने हरियाणा से भैंसों की खरीदारी की है. हर साल कुल भैंसों की कम से कम 5 प्रतिशत खरीदारी इन राज्यों ने की है.

3.96 संख्या के साथ सबसे अधिक भैंसों वाले जींद जिले के पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रविंद्र हुड्डा दिप्रिंट को बताते हैं, ‘आंध्र प्रदेश जैसे राज्य पिछले सालों से लगातार हरियाणा से मुर्रा नस्ल की भैंसों की खरीद कर रहे हैं. उन राज्यों में भैंसों के पालन को लेकर क्रेज देखा गया है. उसके विपरीत हरियाणा में इसका क्रेज खत्म हो रहा है. जबकि यहां समय-समय पर भैंसों के ब्यूटी कॉन्टेस्ट और रैंप वॉक शो किए जा रहे हैं.’

वो आगे जोड़ते हैं, ‘शहरीकरण भी इसके पीछे एक बड़ा कारण रहा है. शहरों में पशुपालन की इजाजत नहीं है और जो डेरी के उद्योग में हैं वो भी चारा महंगा होने के चलते नुकसान झेलते हैं.’

राज्य में 15.56 लाख भैंसे कम हुईं

आंकड़ों के मुताबिक 2007 से 2019 तक राज्य में 15.56 लाख भैंसे कम हुई हैं. 2007 में जींद जिले में सबसे ज्यादा भैंसों की संख्या 5,01,938 थी लेकिन 2019 में यहां भैंसों की संख्या 3,96,305 रह गई है. मुर्रा बेल्ट के नाम से पहचाने जाने वाले हिसार, रोहतक, भिवानी और सोनीपत जिलों में भी यही हाल है. रोहतक जिले में 2007 में 2,77,359 संख्या जो कि 2019 में घटकर 1,74,158 रह गई है. हिसार में भी इन 12 सालों में 60 हजार के करीब भैंसें कम हुई हैं. सोनीपत में 1 लाख 39 हजार भैंसें कम हुई हैं. भिवानी जिले में ये संख्या 1 लाख 94 हजार के आस-पास है.

क्या कहते हैं पशुपालक

हालांकि, हरियाणा सरकार समय-समय पर युवाओं में भैंस पालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम लेकर आ चुकी है लेकिन हिसार जिले में दूध की एक छोटी डेरी चलाने वाले सतीश कुमार दिप्रिंट को बताते हैं, ‘दूध के दाम सालों से नहीं बढ़े हैं लेकिन भैंसों के चारे से जुड़े सामान महंगे होते जा रहे हैं. ऐसे में छोटी डेरी चलाने वाले घाटे का सौदा ही करते हैं. हमें लेबर भी रखना होता है. उसकी तनख्वाह अलग से. कई बार भैंसों की खरीद-बिक्री में भी धोखेबाजी हो रही है और लाखों रुपए फंसे रहे हैं. ऐसे में छोटे कस्बों और गांवों में भी पशुपालन से लोग दूर हुए हैं.’

रविंद्र हुड्डा युवाओं के प्राइवेट और सरकारी नौकरियों के तरफ बढ़े रुझान को भी इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं. वो कहते हैं कि अब कोई भी पशुपालन में खुद को नहीं खपाना चाहता. युवाओं की आंकशाएं नौकरियों को लेकर पैदा हुई हैं.

गायों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ी

इसकी तुलना में हरियाणा में गायों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. 2007 के लाइव स्टॉक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में गायों की संख्या 15 लाख 52 हजार थी जो 2019 में 19 लाख 32 हजार हो गई है. हरियाणा में गायों की संख्या में लगभग 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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