scorecardresearch
रविवार, 29 जून, 2025
होमदेशहिंद महासागर की गहराई में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा जीआरएसई का जहाज : अधिकारी

हिंद महासागर की गहराई में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा जीआरएसई का जहाज : अधिकारी

Text Size:

(तस्वीर के साथ)

पणजी, 18 जुलाई (भाषा) रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के गोवा स्थित एक सरकारी संस्थान से हुए करार के तहत निर्मित होने वाला एक जहाज हिंद महासागर की गहरायी में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की तलाश करेगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

गोवा में राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर) के एक प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में बताया कि 89.5 मीटर की लंबाई वाला यह पोत, समुद्र में गहरे अन्वेषण के लिए किसी भारतीय पोत कारखाने में बनाया जाने वाला सबसे बड़ा अनुसंधान जहाज होगा।

उन्होंने बताया कि इस जहाज को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के गहन समुद्री अभियान के वास्ते गहरे समुद्र में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने और नमूने एकत्र करने के लिए तैनात किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यह हर मौसम में काम कर पाएगा और इसमें एक बार में 34 वैज्ञानिकों को ले जाने की क्षमता होगी। इसके अगले 30 साल तक भारत के लिए काम करने की संभावना है।

विज्ञप्ति के अनुसार, कोलकाता स्थित जीआरएसई द्वारा 36 महीने में बनाए जाने वाले इस जहाज का अनुबंधित मूल्य 839.55 करोड़ रुपये है। इसमें कहा गया है कि यह ‘‘भारत के गहन समुद्री अभियान के तहत गहरे समुद्र में दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करेगा।’’

विज्ञप्ति में बताया गया है कि गोवा में जीआरएसई और एनसीपीओआर के अधिकारियों ने मंगलवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

यह आधुनिक अनुसंधान जहाज सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत जीआरएसई द्वारा निर्मित किया जाएगा। यह आधुनिक प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक उपकरण और सुविधाओं से लैस होगा।

जीआरएसई ने दिसंबर 2023 में भारतीय नौसेना को आईएनएस संध्याक सौंपा था जो देश में बनाया गया सबसे बड़ा सर्वेक्षण जहाज है।

एक अधिकारी ने बताया कि इस श्रेणी के तीन और जहाज पोत कारखाने में निर्माण के विभिन्न स्तरों पर है।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments