जयपुर, 18 अप्रैल (भाषा) राजस्थान अध्यापक भर्ती पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामला दर्ज करने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को यहां कहा कि हर एजेंसी की अपनी भूमिका होती है और उन्हें इसे निभाना चाहिए।
गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जितनी भी एजेंसियां हैं देश में, उन सबकी अपनी एक भूमिका होती है। वे अपनी भूमिका निभाएं, उसमें हम क्या कर सकते हैं।’’ साथ ही गहलोत ने कहा कि इस मामले में सच्चाई सामने आ जाएगी और सच्चाई सामने आनी ही चाहिए, चाहे जो भी एजेंसी हो।
राज्य सरकार ने फरवरी में रीट पेपर लीक होने के कारण सितंबर 2021 में आयोजित रीट लेवल 2 परीक्षा रद्द कर दी थी। पेपर लीक मामले की जांच राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) कर रहा है। यह परीक्षा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वैसे एसओजी अच्छा काम कर रहा है, पक्ष-विपक्ष सब मानते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनावी मोड में आ चुकी है, चुनाव मोड की कड़ी में समझ लीजिए कि ये घटनाएं हो रही हैं, फैसले हो रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पर मेरा मानना है कि वो (ईडी) अपना काम करें और अगर कोई अन्य सच्चाई तक पहुंच सकता है, तो हमें क्या दिक्कत है?’’
उपद्रव करने के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाए जाने की कथित घटनाओं की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘जब कभी भी दंगा होता है, तनाव होता है, तो कई लोग गिरफ्तार होते हैं, कई लोग वापस छूट जाते हैं, तफ्तीश होती है। लेकिन सिर्फ इसलिए कि किसी को गिरफ्तार कर लिया गया है, उसके घरों पर बुलडोजर चलाना उचित नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतना बड़ा अन्याय तो कभी देखा नहीं हमने, पहली बार देख रहे हैं देश में।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि देश किस दिशा में जा रहा है ये किसी को नहीं मालूम है।’’ गहलोत के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी से मांग की है कि वे आगे आकर देशवासियों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करें और हिंसा की भर्त्सना करें।
गहलोत ने मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें विभिन्न अवसरों पर मिले स्मृति चिन्हों एवं उपहारों की ऑनलाइन नीलामी के लिए तैयार की गई वेबसाइट की शुरुआत सोमवार को की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब भी देश के किसी राज्य में कोई प्राकृतिक आपदा या संकट की घड़ी आई, तब राज्य के लोगों ने मुख्यमंत्री सहायता कोष या अन्य माध्यमों के जरिये खुले दिल से सहयोग किया है। विपदा में पीड़ित की मदद करना राजस्थान की महान परम्परा रही है, जिस पर हम सभी को गर्व है।
भाषा पृथ्वी सुरभि
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