नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) सेना के शीर्ष कमांडर सोमवार से शुरू हो रहे पांच दिवसीय सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और बल की युद्धक क्षमता बढ़ाने के तरीकों की व्यापक समीक्षा करेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि सम्मेलन में 13 लाख सैनिकों वाली सेना में सुधार की प्रक्रिया और विभिन्न उद्देश्यों के लिए कृत्रिम मेधा, रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी जैसी उच्च तकनीकों के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सम्मेलन में ‘परिवर्तन वर्ष 2023’ के तहत सेना की योजना, अग्निपथ योजना में हुई प्रगति और डिजिटलीकरण तथा स्वचालन पहलों पर चर्चा की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि चीन में भारत के राजदूत के तौर पर काम कर चुके पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले की ओर से भारत-चीन संबंधों के भविष्य के संदर्भ में एक वार्ता भी आयोजित की जाएगी।
यह सम्मेलन 17 से 21 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा जिसमें कमांडर पूर्वी लद्दाख में तीन साल से जारी गतिरोध के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा की समग्र स्थिति की समीक्षा करेंगे।
सेना ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 19 अप्रैल को सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह उच्च प्रौद्योगिकी, नवाचार, निगरानी के लिए समाधान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्रशिक्षण, रोबोटिक्स, वर्चुटल रियलिटी और परिचालन रसद पर केंद्रित उपकरणों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।
भाषा जोहेब वैभव
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