नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) दिल्ली में ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों के विभिन्न संगठनों द्वारा ईंधन की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर सीएनजी पर सब्सिडी और किराये की दरों में बदलाव की मांग को लेकर सोमवार को की गई हड़ताल से यात्रियों को काफी दिक्कतें हुईं।
हड़ताल के चलते दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कैब और ऑटो की कमी रही। कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें ओला और उबर कैब के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और किराए भी बढ़े हुए थे।
दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि उसकी हड़ताल एक और दिन जारी रहेगी। इस संगठन से जुड़े सदस्य कैब सेवा प्रदाताओं के साथ काम करते हैं।
हालांकि, ऑटो चालकों के शीर्ष संगठन दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ ने कहा कि मंगलवार के लिए उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है और आगे की हड़ताल पर निर्णय की घोषणा बाद में की जाएगी।
शहर के रेलवे स्टेशन, अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) और मेट्रो स्टेशन पर शायद ही कोई ऑटो, कैब और फीडर बसें उपलब्ध थीं। कुछ लोगों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी, ऐसे में काफी दिक्कतें हुईं।
विनय प्रजापति ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार आज सुबह रायपुर से दिल्ली पहुंचे। हड़ताल के कारण नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई कैब और ऑटो उपलब्ध नहीं थे। मैंने कैब या ऑटो लेने के लिए एक घंटे तक इंतजार किया लेकिन कोशिश नाकाम रही। अंत में, मुझे अपने दोस्त को गाजियाबाद में घर पहुंचाने के लिए फोन करना पड़ा।’’
पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के पास वाहन का इंतजार करने वालीं प्रीति दहिया ने कहा, ‘‘मैं यहां करीब 15-20 मिनट से खड़ी हूं और मुझे गीता कॉलोनी जाना है। मैंने कैब बुक करने की कोशिश की लेकिन प्रतीक्षा समय 25 मिनट से अधिक है और किराए में वृद्धि हुई है। मैंने कुछ ऑटो देखे लेकिन हड़ताल के कारण कोई भी जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।’’
दिलजीत सिंह ने कहा, ‘‘मैं हर दिन केंद्रीय सचिवालय के पास स्थित अपने कार्यालय कैब से जाता हूं और एक तरफ का किराया करीब 400 रुपये लगता है, लेकिन आज हड़ताल की वजह से किराए बढ़ गए हैं। आज, नोएडा से मुझे अपने कार्यालय पहुंचने के लिए 650 से अधिक का भुगतान करना पड़ा।’’
शहर में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के तौर पर 90,000 से अधिक ऑटो और 80,000 से अधिक पंजीकृत टैक्सी हैं। सीएनजी के दाम में बढ़ोतरी के कारण ऑटो और कैब चालकों के विभिन्न संगठन किराए में संशोधन की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से किराए में संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा किए जाने के बावजूद संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारी हड़ताल अपना संदेश देने में सफल रही। जनता को हो रही दिक्कतों को देखते हुए हमने अपनी हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया है। आगे के कदमों का फैसला बाद में किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को या तो सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी देनी चाहिए या किराए में बढ़ोतरी करनी चाहिए। दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन ने मांगें नहीं माने जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
दिल्ली के सर्वोदय ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि राठौड़ ने कहा, ‘‘‘हमारी हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। हमने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए सरकारों (केंद्र और दिल्ली) को दो दिन का समय दिया है जिसके बाद हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।’’
ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने अपनी मांगों को लेकर दिन में सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना भी दिया। कश्मीरी गेट आईएसबीटी, रानी बाग, सिविल लाइंस, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ऑटो स्टैंड सहित कई जगहों पर छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन भी देखे गए।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने हड़ताल का समर्थन किया और मांग की कि अरविंद केजरीवाल नीत सरकार सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी दे। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘हड़ताल के कारण यात्रियों को काफी असुविधा हुई है क्योंकि वे कई स्थानों पर फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री लोगों की दुर्दशा से अप्रभावित हैं क्योंकि उन्होंने ऑटो-टैक्सी यूनियन से मिलने से इनकार कर दिया था। मुख्यमंत्री को सीएनजी पर सब्सिडी की मांग मान लेना चाहिए।’’
सुबह में ऐसी खबरें आईं कि नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली में प्रवेश करने वाली कैब को सीमा बिंदुओं पर रोका गया और चालकों से वाहन ना चलाने को कहा गया, जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गई। हालांकि, कैब और ऑटो चालक संगठनों ने कहा कि वे कैब नहीं रोक रहे हैं और केवल साथी चालकों को हड़ताल के बारे में सूचित कर रहे हैं।
भाषा आशीष मनीषा
मनीषा
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