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Wednesday, 23 July, 2025
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सीएए लागू करने की अमित शाह की वकालत का एनईएसओ, एएएसयू ने विरोध किया

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गुवाहाटी, छह मई (भाषा) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद देश भर में नागरिकता (संशोधित) कानून (सीएए) लागू किए जाने की बात कहे जाने के एक दिन बाद पूर्वोत्तर के दो छात्र संगठनों ने शुक्रवार को इस कानून को लागू करने के किसी भी प्रयास का विरोध करने की प्रतिबद्धता जतायी है।

नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) का कहना है कि अगर सीएए लागू किया जाता है तो वह स्थानीय लोगों के हित के विरूद्ध होगा और अगर केन्द्र सरकार ‘कानून को थोपने’ का प्रयास करेगी तो उसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को एक रैली में केन्द्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद सीएए प्रभावी होगा और यह कानून ‘‘वास्तविकता था, है और रहेगा।’’

एनईएसओ नेताओं ने एक बयान में कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के स्थानीय लोगों ने सीएए को कभी स्वीकार नहीं किया है। अगर सीएए को पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जाता है, जहां इनर लाइन परमिट नहीं है, तो स्थानीय मूल लोगों को हमेशा अवैध बांग्लादेशियों की घुसपैठ झेलनी पड़ेगी।’’

एनईएसओ के अध्यक्ष सैमुअल बी. जिरवा, उसके महासचिव सिनाम प्रकाश सिंह और सलाहकार समुज्जाल भट्टाचार्य ने कहा कि संगठन कानून वापस लिए जाने तक उसका विरोध जारी रखेगा।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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