अमरावती, 25 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखकर कहा है कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है। उन्होंने पुलिस हिरासत में ‘‘अमानवीय व्यवहार’’ का भी आरोप लगाया है।
अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा ने रविवार को भेजे गए पत्र में मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है और दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर उनके और उनके पति के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
नवनीत राणा और उनके विधायक-पति रवि राणा को शनिवार को मुंबई में मुख्यमंत्री ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने संबंधी आह्वान करने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
दंपति ने इससे पूर्व एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए इस आह्वान को वापस ले लिया था। राणा दंपति फिलहाल जेल में है।
लोकसभा सचिवालय ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा द्वारा राज्य पुलिस पर लगाए गए आरोपों के बाद सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के भीतर विस्तृत जानकारी मांगी। नई दिल्ली में सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सांसद के एक सहयोगी ने अमरावती में कहा कि सचिवालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेज दिया है।
राज्य में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना पर निशाना साधते हुए, सांसद ने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अपने हिंदुत्व के सिद्धांत से पीछे हट गई है ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन के अन्य सहयोगियों की विचारधारा को आगे बढ़ाया जा सके।
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खिलाफ 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद इन्हीं पार्टियों के साथ गठबंधन किया और यह कदम मुख्यमंत्री पद पाने की उसकी इच्छा से प्रेरित था।
उन्होंने कहा कि शिवसेना अपने अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई है और वह जनादेश को ‘‘धोखा’’ देना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ को फिर से जगाने की सच्ची आशा के साथ घोषणा की थी कि मैं मुख्यमंत्री के आवास पर जाऊंगी और उनके आवास के बाहर ‘‘हनुमान चालीसा’’ का पाठ करूंगी। यह किसी धार्मिक तनाव को भड़काने के लिए नहीं था। वास्तव में, मैंने मुख्यमंत्री को ‘‘हनुमान चालीसा’’ के पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।’’
नवनीत राणा ने दावा किया कि उनकी कार्रवाई मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं थी। उन्होंने पत्र में कहा कि मुंबई पुलिस द्वारा उनकी और उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है और उन्होंने उनके खिलाफ (आईपीसी की धारा 124 ए) के तहत राजद्रोह का आरोप लगाने का उल्लेख किया।
सांसद ने बिना किसी कारण के ‘लॉक-अप’ में रखे जाने और पुलिस हिरासत में पीने का पानी नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी जाति के आधार पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
नवनीत राणा ने पत्र में अपनी गिरफ्तारी को लेकर मुंबई के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुंबई पुलिस आयुक्त, संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), संबंधित सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती हूं।’’
इस बीच शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा सचिवालय नवनीत राणा द्वारा प्रस्तुत कथित फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर भी संज्ञान लेगा।
चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ‘‘उम्मीद है कि लोकसभा सचिवालय एक निर्दलीय सांसद के लोकसभा सांसद बने रहने पर भी संज्ञान लेगा, क्योंकि बम्बई उच्च न्यायालय ने उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी, राशन कार्ड को फर्जी और स्कूल परित्याग प्रमाण पत्र को फर्जी घोषित कर दिया था।’’
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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