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Saturday, 5 October, 2024
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लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने 15वीं कोर के जीओसी के रूप में पदभार संभाला

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श्रीनगर, नौ मई (भाषा) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने सोमवार को भारतीय सेना के चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) का पदभार संभाल लिया। सेना की यह कोर पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के साथ ही आतंकवाद रोधी अभियान संचालित करती है। यह जानकारी यहां एक रक्षा प्रवक्ता ने दी।

लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे की जगह ली।

19 दिसंबर 1987 को सेना में कमीशन प्राप्त करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल औजला की कश्मीर में पहले तीन तैनाती हो चुकी है। इसमें 2016 से 2018 तक ब्रिगेडियर जनरल (ऑपरेशंस) के तौर पर तैनाती भी शामिल है, जब घाटी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित विरोध प्रदर्शनों के दौर से गुजर रही थी।

युद्ध सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ठ सेवा पदक से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने कश्मीर घाटी में कंपनी कमांडर (1994-2004 के बीच) के रूप में सेवा दी, साथ ही उन्होंने प्रतिष्ठित इन्फैंट्री ब्रिगेड (2013-15) और उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास इन्फैंट्री डिवीजन (2019-2020) की कमान भी संभाली।

चौथी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल औजला उधमपुर स्थित उत्तरी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल जनरल स्टाफ (ऑपरेशंस) के रूप में कार्यरत थे।

वह पिछले तीन वर्षों में राजपूताना राइफल्स से कश्मीर स्थित 15वीं कोर का प्रभार संभालने वाले दूसरे जीओसी हैं। अधिकारी कमांडो विंग, इन्फैंट्री स्कूल में प्रशिक्षक रहे हैं, जो कमांडो प्रशिक्षण के लिए जिम्मेदार है जो यकीनन सबसे कठिन सैन्य पाठ्यक्रम है। लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लों राजपूताना राइफल्स के अन्य जीओसी थे।

सेना के श्रीनगर स्थित प्रवक्ता ने निवर्तमान जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पांडे पर एक बयान जारी किया और कहा, ‘‘पांडे के कार्यकाल के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ-साथ भीतरी इलाकों में सुरक्षा का बेहतर माहौल बना। नागरिक प्रशासन और सुरक्षा बलों के तालमेल से कश्मीर में सामान्य स्थिति लाने के उनके प्रयासों से आतंकवाद की घटनाओं में गिरावट आ रही है।’’

प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस और अन्य केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के साथ मिलकर खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकवादियों को मार गिराने के लिए निरंतर अभियान चलाया गया, जिसमें न्यूनतम नुकसान हुआ और एक भी नागरिक नहीं मारा गया।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस दृष्टिकोण में उन परिवारों तक पहुंच भी शामिल है, जिनमें सक्रिय आतंकवादियों के परिवार भी हैं, ताकि आतंकवादी संगठनों में युवाओं के शामिल होने को कम किया जा सके और स्थानीय आतंकवादियों के बीच आत्मसमर्पण को प्रेरित किया जा सके। कश्मीर के युवाओं को हिंसा के रास्ते पर भटकाने और मजबूर करने के लिए ‘व्हाइट कॉलर टेररिस्ट्स’ द्वारा कट्टरपंथ और उकसावे को रोकने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को शामिल किया गया।’’

अपने विदाई संदेश में लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने चिनार कोर के सभी रैंक के अधिकारियों और जवानों की उनके समर्पण तथा कड़ी मेहनत के लिए प्रशंसा की। उन्होंने जम्मू कश्मीर में शांति और समृद्धि की दिशा में संयुक्त प्रयास में अथक सहयोग के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, सीएपीएफ, नागरिक प्रशासन और समुदाय के सदस्यों की भी सराहना की।

भाषा अमित नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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