मुंबई, चार मई (भाषा) मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के आवास के बाहर जमा कई मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। ठाकरे ने एक दिन पहले लोगों से आग्रह किया था कि वे जहां लाउडस्पीकर पर ‘अजान’ सुनें वहां हनुमान चालीसा बजाएं। वहीं पुणे, ठाणे और नासिक शहरों सहित राज्य के अन्य हिस्सों में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की गई।
पुणे और पड़ोसी पिंपरी चिंचवाड़ में, मनसे के 200 कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को हिरासत में लिया गया, जबकि ठाणे में पार्टी के 12 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
शिवाजी पार्क इलाके में ठाकरे के आवास के बाहर पुलिस ने कई मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद पार्टी पदाधिकारी संदीप देशपांडे और संतोष धुरी एक वाहन में बैठ कर वहां से तुरंत चले गए। मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करते समय एक महिला पुलिस कांस्टेबल गिर गईं।
राज ठाकरे द्वारा मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर बंद कराने का आह्वान किए जाने के बाद मुंबई में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी की गई है।
ठाकरे के आवास ‘शिवतीर्थ’ के बाहर भी पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और यातायात बाधित ना हो, इसलिए सड़क पर बैरीकेड लगाए गए हैं।
मनसे के पदाधिकारियों संदीप देशपांडे और संतोष धुरी को सीआरपीसी की धारा 149 (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए) के तहत नोटिस भी जारी किया गया था।
राज ठाकरे से मुलाकात करने के बाद जब बुधवार को देशपांडे बाहर आए और पत्रकारों से बात करने लगे, तभी पुलिस के एक दल ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। हालांकि, देशपांडे तुरंत गाड़ी में सवार होकर वहां से चले गए।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कुछ अन्य मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उन्हें एक निजी टैक्सी में बिठा कर शिवाजी पार्क थाने ले गई। हिरासत में लिए गए लोगों को पहले एहतियात के तौर पर सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत नोटिस जारी किए गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि पुणे में, पार्टी के राज्य सचिव अजय शिंदे सहित कुल 11 मनसे कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया, जब वे ‘महा आरती’ और हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद शहर के खलकर मारुति मंदिर से बाहर आए।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा, ”हमने मुंबई पुलिस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कुल 58 पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को हिरासत में लिया। शहर में पर्याप्त पुलिस बंदोबस्त तैनात होने के कारण कहीं भी कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब नहीं हुई।”
हिरासत में लिए जाने से पहले शिंदे ने पत्रकारों से कहा था कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे के निर्देश पर शहर में विभिन्न स्थानों पर महाआरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है।
इस बीच, एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे की अधिकतर मस्जिदों में उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सुबह ‘अजान’ के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सुबह ‘अजान’ के समय पर मस्जिदों के समीप हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोई घटना नहीं हुई।
अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों के साथ चर्चा की और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, इसलिए अब तक किसी तरह की कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।
पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे ने कहा कि पिंपरी चिंचवाड़ में, लगभग 160 मनसे कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया था।
मनसे की पुणे इकाई के अध्यक्ष साईनाथ बाबर ने दावा किया यहां 17 स्थानों पर ‘महा आरती’ और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
उन्होंने राज्य सरकार पर विरोध कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती हिरासत में लेने का आरोप लगाया।
ठाणे में, मनसे के 12 कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को चीतलसर और कसार वाडवली पुलिस ने एहतियातन गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। इनमें मनसे की छात्र शाखा के जिलाध्यक्ष संदीप पचांगे भी शामिल हैं।
अदालत ने उन्हें अगले 13 दिनों के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दिया, ऐसा नहीं करने पर उन्हें 15,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।
एक अधिकारी ने बताया कि नासिक शहर में पुलिस ने सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 416 लोगों के खिलाफ एहतियाती कार्रवाई की।
उन्होंने कहा कि नासिक के भद्रकाली पुलिस स्टेशन सहित मनसे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए थे, जहां पांच कार्यकर्ताओं पर आईपीसी की धारा 188 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत पुलिस आयुक्त के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।
भाषा फाल्गुनी प्रशांत
प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.