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Sunday, 8 September, 2024
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राज्यपाल के बेटे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ओडिशा विधानसभा में दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा

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भुवनेश्वर, 23 जुलाई (भाषा) इस महीने की शुरुआत में एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित मारपीट को लेकर राज्यपाल रघुबर दास के बेटे के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस की मांग को लेकर ओडिशा विधानसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ जिसके चलते मंगलवार को भी सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

सत्ता पक्ष ने कहा कि सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने व्यवधान उत्पन्न किया और यह दंडनीय अपराध है।

दो बार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी, लेकिन दोपहर में स्थिति तब बिगड़ गई जब विपक्षी बीजद सदस्य ध्रुव साहू ने अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने का प्रयास किया।

गुस्साए विधायक ने अध्यक्ष की मेज पर लगे माइक को तोड़ दिया, जिसके बाद अन्य सदस्यों ने उन्हें नीचे उतार दिया।

हंगामे के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग ने दोपहर के सत्र में कहा कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान व्यवधान पैदा करना दंडनीय अपराध है। सोमवार को भी ऐसा ही हुआ था।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और सदस्यों दोनों को व्यवधान पैदा करने के लिए दंडित किया जाना चाहिए।

खेल एवं युवा मामलों के मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने भी सदन के बाहर इसी तरह का बयान दिया।

हालांकि, बीजद सदस्य और पूर्व मंत्री अरुण कुमार साहू ने महालिंग के दावे को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी सदस्यों को दंडित करने की मांग करना हास्यास्पद है। अतीत में इस तरह के विरोध के लिए अब तक किसी को भी दंडित नहीं किया गया है।’’

इससे पहले, जैसे ही प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने इस मामले पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान देने की मांग की।

राज्यपाल के बेटे ललित कुमार ने पुरी में सात जुलाई को ओडिशा राजभवन के सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ) बैकुण्ठ प्रधान से कथित तौर पर उस समय मारपीट की थी, जब वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के लिए ड्यूटी पर तैनात थे। एएसओ का अब गृह विभाग में तबादला कर दिया गया है।

जब मलिक इस मुद्दे पर बोल रही थीं, तभी बीजद विधायक आसन के सामने आ गए और कुमार की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे तक स्थगित कर दी।

इसके बाद मलिक ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार राज्यपाल के बेटे को बचा रही है। जब ओडिशा के एक अधिकारी पर राज्य से बाहर के एक व्यक्ति ने हमला किया, तब भाजपा की ओड़िया ‘अस्मिता’ कहां थी? पुलिस थाने में 12 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।’’

जब सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे पुनः शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्य भी बीजद सांसदों के साथ आसन के समक्ष आ गए और प्रधान के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाने लगे।

मलिक ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार एक ओड़िया अधिकारी को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल के बेटे को बचाकर राज्य सरकार ने ओड़िया ‘अस्मिता’ का अपमान किया है, जिसके दम पर भाजपा राज्य में सत्ता में आई थी। हम इस मामले पर मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग करते हैं।’’

उन्होंने कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन के सोमवार को दिए इस बयान को भी ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया कि पुरी के जिलाधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

मलिक ने मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा, ‘‘जब पुरी जिलाधिकारी को आपराधिक मामले की जांच करने के लिए कहा गया है तो एसपी (पुलिस अधीक्षक), डीएसपी (पुलिस उपाधीक्षक) और अन्य पुलिस अधिकारी क्या करेंगे?’’

मुख्यमंत्री गृह विभाग के भी प्रभारी हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों जयनारायण मिश्रा और टंकधर त्रिपाठी ने भी बीजद और कांग्रेस विधायकों का विरोध किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बीजद सरकार ने अपने शासनकाल के दौरान कुछ ऐसे मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी, जबकि उनके नाम हत्या जैसे जघन्य अपराधों से जुड़े थे।

भाषा खारी शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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