नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जनजातीय नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए उन्हें जनजातीय समुदाय से प्रेरणा मिली है।
मोदी ने एक वीडियो संदेश में केंद्र सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनसे करोड़ों जनजातीय परिवारों को मदद मिली और उनका जीवन सुगम बना है।
उन्होंने कहा कि जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को पहचान दिलाने के लिए देशभर में उनको समर्पित संग्रहालय बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने ही मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी।
उन्होंने देश के लिए उनके द्वारा हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में उल्लिखित ‘पंच प्रण’ का जिक्र करते हुए कहा कि करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को साकार करने के लिए राष्ट्र ‘पंच प्रण’ की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के माध्यम से देश की आदिवासी विरासत पर गर्व व्यक्त करना और आदिवासी समुदाय के विकास का संकल्प इसी ऊर्जा का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज की वीरता, सामुदायिक जीवन और समावेश का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत को इस भव्य विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय गौरव दिवस इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा।’’
उन्होंने कहा कि मुंडा और कई अन्य जनजातीय नायकों के सपनों को पूरा करने के लिए देश आगे बढ़ रहा है। मुंडा न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि वह हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक थे।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान को नमन करते हुए प्रमुख आदिवासी आंदोलनों और स्वतंत्रता के लिए लड़े गए युद्धों का स्मरण किया। उन्होंने तिलक मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम, बुद्ध भगत के नेतृत्व में लरका आंदोलन, सिद्धू-कान्हू क्रांति, ताना भगत आंदोलन, वेगड़ा भील आंदोलन, नायकड़ा आंदोलन, संत जोरिया परमेश्वर और रूप सिंह नायक, लिम्दी दाहोद युद्ध, अल्लूरी सीताराम राजू के नेतृत्व में मानगढ़ और रंपा आंदोलन के गोविंद गुरु जी को भी याद किया।
भाषा निहारिका नरेश
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