नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) बीस वर्षीय सुमन के पिता की ठीक एक वर्ष पहले उसी अस्पताल में कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी, जहां उसके परिवार के सदस्य अब उसका शव मिलने के इंतजार में हैं। बाहरी दिल्ली के मुंडका में एक इमारत में लगी आग ने परिवार पर कहर बरपाया है।
सुमन उस इमारत में स्थित एक कंपनी में कार्यरत थी जिसमें शुक्रवार को आग लग गई थी। सुमन के परिजन कई घंटे से उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। परिजनों ने खुद को सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार किया और आज वे मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के शवगृह पहुंचे ताकि कम से कम बेटी का शव मिल सके।
सुमन के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘‘वह शायद अब दुनिया में नहीं है। शव जले हुए हैं, आप उन्हें नहीं देख सकते। आप कैसे पहचानेंगे? मैं सुमन की तलाश में गया था, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने उन्हें सूचित किया कि अब शवों की पहचान डीएनए जांच से की जाएगी।
सुमन की मां अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास बैठी हुई थीं। रिश्तेदार ने कहा, ‘‘पांच लोगों का परिवार था। अब केवल तीन सदस्य बचे हैं। मां की हालत ठीक नहीं है। वह बात करने में असमर्थ हैं। उन्होंने पिछले साल अपने पति को खो दिया था। अब, शायद उनकी बेटी भी नहीं है। उनका जीवन बिखर गया है।’’
शुक्रवार को चार मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य झुलस गए। मृतकों में से अब तक सात की पहचान हो चुकी है। 29 व्यक्ति लापता हैं।
भाषा अमित नेत्रपाल
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