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Sunday, 19 May, 2024
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ममता बनर्जी ने महिला कर्मी से ‘दुर्व्यवहार’ को लेकर राज्यपाल को आड़े हाथों लिया

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कोलकाता, तीन मई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने राजभवन में महिला कर्मी से कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने को लेकर राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस को शुक्रवार को आड़े हाथों लिया।

महिला कर्मी से कथित दुर्व्यवहार का मामला बृहस्पतिवार शाम को सामने आया था।

पूर्वी बर्धवान जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने राजभवन में महिला से कथित दुर्व्यवहार को लेकर नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने कहा, ‘‘कल, राजभवन में काम करने वाली एक युवा महिला सामने आई और राज्यपाल के कथित उत्पीड़न के बारे में बताया …कल, महिला की व्यथा सुन मेरा दिल रो पड़ा। मैंने उसका वीडियो देखा।’’

ममता बनर्जी ने सवाल किया कि कल राजभवन गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्यों इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी?

उन्होंने कहा, ‘‘महिला रोती हुई बाहर आई और कहा कि उसे अब राजभवन में काम करने से डर लग रहा है। उसने बताया कि उसे असमय बुलाया जाता था और उत्पीड़न किया जाता था। और ये लोग हमारी माताओं और बहनों की गरिमा की बात करते हैं।’’

राज्यपाल बोस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह ‘मनगढ़ंत आरोपों’ से नहीं डरेंगे और ‘सच्चाई की जीत होगी।’ उन्होंने यह बयान तृणमूल कांग्रेस नेताओं के इस दावे के बाद दिया कि राजभवन में काम करने वाली एक महिला कर्मी ने उन पर छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है।

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के 1500 जवानों को दूसरे राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर तैनात करने को लेकर निर्वाचन आयोग की आलोचना की।

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे राज्य से कोई पुलिस कर्मी पश्चिम बंगाल नहीं आया है। निर्वाचन आयोग ने केवल केंद्रीय बल भेजे हैं। लेकिन आश्चर्य है कि राज्य से बाहर भेजे गए किसी भी पुलिस कर्मी को डाक मतपत्र से मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई। निर्वाचन आयोग मतदान करने की अनुमति नहीं दे रहा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम चुप नहीं बैठ सकते, हम इस लड़ाई को उसके तार्किक मुकाम पर ले जाएंगे।’’

लोकतंत्र पर खतरा बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ कर रही है और चुनाव प्रचार के दौरान झूठ फैला रही है।

उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) जैसी नीतियों के लिए भाजपा की आलोचना की और दावा किया कि ये लोगों के अधिकारों को कमतर करेंगे।

ममता बनर्जी ने भाजपा पर ‘दोहरा रुख’अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)शासन के दौरान गई नौकरियों को बहाल करने में असफल रही है जबकि सत्ता में आने से पहले उसने इसका वादा किया था।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा ने पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नौकरी छीन ली। अब पार्टी कह रही है कि वह उन लोगों की मदद करेगी जिनकी नौकरी छूट गई है। उसने यह बात त्रिपुरा की सत्ता में आने से पहले तब कही थी जब माकपा सरकार ने 10 हजार नौकरियां छीन ली थी। क्या भाजपा के सत्ता में आने के बाद उन नौकरियों को बहाल किया गया?’’

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में माकपा, कांग्रेस और भाजपा एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा में राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने का मुद्दा उठाकर अविवेक का प्रदर्शन किया है। राहुल गांधी का रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला न्यायोचित है। यह मोदी का मुद्दा कैसे है? एक समय वह भी कई सीट से चुनाव लड़ते थे। यहां तक भाजपा नेताओं ने भी ऐसा किया है।’’

भाषा धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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