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Monday, 17 June, 2024
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ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से अखिल गिरि की टिप्पणी को लेकर राष्ट्रपति से मांगी माफी

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कोलकाता, 14 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपने मंत्रिमंडल सहयोगी अखिल गिरि की विवादास्पद टिप्पणी की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से उनकी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी।

बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति के प्रति उनके मन में गहरा सम्मान है और उनकी पार्टी ने गिरि को भविष्य में अपमानजनक टिप्पणी करने के विरूद्ध चेताया है।

बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भारत की राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं। वह बहुत सम्मानित महिला हैं। मैं राज्यमंत्री अखिल गिरि द्वारा की गयी टिप्पणी की निंदा करती हूं, उन्होंने जो कहा है, वह गलत है। पार्टी पहले ही उनके बयान क निंदा कर चुकी है और उन्हें आगाह भी चुकी है।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी गिरि की राय का ‘समर्थन नहीं करती है’ और यदि वह ऐसी गलतियां दोहराते हैं, तो पार्टी उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का सम्मान करती हूं। वह बहुत अच्छी महिला हैं और मैं उन्हें बहुत पसंद करती हूं। मैं अखिल गिरि के बयान को लेकर माफी मांगती हूं, मैं अपनी पार्टी की ओर से माफी मांगती हूं। हमारे मन में राष्ट्रपति के लिए बड़ा सम्मान है और ऐसी टिप्पणी करना तृणमूल कांग्रेस की संस्कृति नहीं है।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की शक्ल-सूरत पर टिप्पणी को लेकर हाल में गिरि की कड़ी आलोचना हुई है। गिरि ने अपनी टिप्पणी का वीडियो वायरल हो जाने के बाद इसको लेकर माफी मांगी थी।

बनर्जी ने सवालिये लहजे में कहा, ‘‘ राजनीति एक कला है, बोलना भी एक कला है। जब भी मैं कुछ गलत बोलती हूं तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। तृणमूल कांग्रेस में कोई अखिल गिरि का समर्थन नहीं करती है लेकिन बंगाल में विपक्षी नेताओं ने जिस तरह दिन-प्रतिदिन जहर उगला, वह निंदनीय है। क्या किसी को उसकी त्वचा के रंग को लेकर ‘डारकाक’ (कौआ) कहना सही है? ’’

उनका इशारा इस बात की ओर था कि गिरि को अतीत में उनके काले रंग को लेकर निशाना बनाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मानती है कि लोगों को किसी की त्वचा के रंग पर सुंदरता पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि मन की कोमलता देखनी चाहिए।

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के बयान का हवाला देते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘ बीरबाहा हंसदा एक सुसंस्कृत परिवार की आदिवासी महिला हैं। जब किसी ने कहा कि हंसदा को उनके जूते के नीचे रहना चाहिए तो मैं बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। क्या यही वह तरीका है कि किसी को , हमारे राज्य की मंत्री या आदिवासी महिला तो छोड़िए, किसी महिला के बारे में ऐसा बोलना चाहिए। इसकी हर कीमत पर निंदा की जानी चाहिए। ’’

तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें अधिकारी को अनुसूचित जनजाति से राज्य मंत्री हंसदा के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।

हालांकि पीटीआई भाषा इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। उस वीडियो में अधिकारी कथित रूप से कह रहे हैं, ‘‘ जो वहां बैठे हैं, वे बच्चे हैं। यह देबनाथ हंसदा और बीरबाहा हंसदा सभी बच्चे हैं, उनकी जगह मेरे जूते के नीचे है।’’

हालांकि अधिकारी ने एक टीवी चैनल द्वारा संपर्क किये जाने पर ऐसी टिप्पणी से इनकार किया।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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