इंदौर, 18 अप्रैल (भाषा) अनुसूचित जाति वर्ग के एक संगठन ने सोमवार को आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में इस समुदाय के पुलिस आरक्षक दूल्हे को एक मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के लिए ताकतवर लोगों ने इस धार्मिक स्थल पर ताला लगा दिया।
अखिल भारतीय बलाई महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार ने कहा कि उज्जैन के भाटपचलाना क्षेत्र के बर्दिया गांव में पुलिस आरक्षक मेहरबान परमार अपनी बारात के दौरान रविवार रात राम मंदिर में दर्शन करना चाहते थे, लेकिन जातिगत भेदभाव के चलते कुछ ताकतवर लोगों ने मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया ताकि दलित समुदाय का दूल्हा इसके भीतर प्रवेश न कर सके।
परमार ने दावा किया कि करीब 5,000 की आबादी वाले बर्दिया गांव का यह राम मंदिर ‘सार्वजनिक’ है।
उधर, भाटपचलाना थाने के प्रभारी संजय वर्मा ने कहा कि गांव के राजपूत समुदाय ने पुलिस के सामने कुछ दस्तावेज पेश कर दावा किया है कि संबंधित राम मंदिर उसने बनवाया है और यही समुदाय उसके खर्च पर पिछले कई बरसों से इस मंदिर का रख-रखाव भी कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि मंदिर के पुजारी के परिवार में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है और सूतक (परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर तय अवधि तक पूजा-पाठ से दूर रहने की हिंदू मान्यता) के कारण मंदिर बंद है।’’
थाना प्रभारी ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से यह तय करने का अनुरोध किया है कि संबंधित राम मंदिर सार्वजनिक है या नहीं? उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन के फैसले के बाद पुलिस उचित कदम उठाएगी।
भाषा हर्ष
नोमान मनीषा
मनीषा
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