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Sunday, 22 December, 2024
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जल्द ही भारत में आ रही है आनलाइन शिक्षा कंपनी एड-एक्स

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हार्वर्ड और एमआइटी द्वारा स्थापित एड-एक्स कोर्स उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार से कर रही बातचीत. ये भारत के अपने ‘मूक’ प्लेटफॉर्म ‘स्वयं’ पर उपलब्ध होंगे.

नई दिल्ली: इंटरनेट पर तरह-तरह के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने वाली दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनी एड-एक्स अब भारत के साथ सहयोग करके यहां के छात्रों को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ उच्चस्तरीय शिक्षा कार्यक्रम उपलब्ध कराएगी. हार्वर्ड युनिवर्सिटी और मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) द्वारा स्थापित एड-एक्स और नरेंद्र मोदी सरकार एक समझौता करने जा रही है जिसके तहत भारत की ‘मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (मूक) प्लेटफॉर्म ‘स्वयं’ पर 2300 से ज्यादा पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे.

बताया जाता है कि एड-एक्स के सीईओ अनंत अग्रवाल पिछले सप्ताह नई दिल्ली आए थे. उन्होंने और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस समझौते पर दस्तखत किए. कुछ ही दिनों में इस समझौते की घोषणा की जाएगी. ‘स्वयं’ फिलहाल करीब 1000 पाठ्यक्रम चला रहा है. एड-एक्स भारत सरकार के इस प्लेटफॉर्म पर वे पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा जिनकी दुनियाभर में बेहद मांग है. एड-एक्स ने ‘दिप्रिंट’ से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.

एड-एक्स और इसका भारतीय सूत्र

2012 में स्थापित एड-एक्स दरअसल ऑनलाइन शिक्षण मंच है और ‘मूक’ एक प्रोवाइडर है, जो दुनियाभर में छात्रों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयो और शिक्षा संस्थानों में पढ़ाए जा रहे श्रेष्ठ पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है. इसका दावा है कि दुनियाभर में इसके 90 पार्टनर हैं जिनमें प्रमुख विश्वविद्यालय तथा नॉनप्रॉफिट संस्थान और उनके सदस्य तथा चार्टर सदस्य शामिल हैं. मसलन- हार्वर्ड विवि, एमआइटी, बर्कले, कैलटेक, ऑक्सफोर्ड विवि, ईपीए, प्रिंस्टन विवि, लंदन का इंपीरियल कॉलेज आदि. ओपन सोर्स तथा नॉनप्रॉफिट प्लेटफॉर्म का दावा है कि दुनियाभर से उसके यहां 3.5 करोड़ से ज्यादा नाम दर्ज हैं और कुल 1.2 करोड़ छात्र हैं.

गौरतलब है कि ‘मूक’ की दुनिया में भारत की शुरुआत एड-एक्स से हो रही है, जबकि आइआइटी बॉम्बे ने यूपीए सरकार के जमाने में दो पाठ्यक्रमों के लिए ‘मूक’ का सहारा लिया था. मोदी सरकार अपना ही भारतीय ‘मूक’ प्लेटफॉर्म बनाने को उत्सुक थी हालांकि अग्रवाल ने 2016 में मोदी से मुलाकात करके केवल एड-एक्स की वकालत की थी. उस समय स्मृति ईरानी के अधीन मानव संसाधन मंत्रालय ने देसी फ्लेटफॉर्म ‘स्वयं’ पर जोर दिया था और उपलब्ध पाठ्यक्रमों के मामले में बौद्धिक संपदा अधिकार को भी लागू रखने की बात की थी.

‘स्वयं’ क्या है?

यह उन छात्रों के लिए डिजिटल ज्ञान की कमी को दूर करना चाहता है जिनकी नॉलेज इकोनॉमी तक अच्छी पहुंच नहीं है. इसके जरिए सभी को सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. देसी आइटी प्लेटफॉर्म पर 11वीं कक्षा से लेकर पोस्टग्रेजुएशन तक कक्षाओं में पढ़ाए जाने सभी पाठ्यक्रम तक कोई भी, कहीं भी, कभी भी पहुंच सकता है. उम्मीद है कि ‘स्वयं’ पर 2000 से ज्यादा कोर्स और पढ़ाई के 80 हजार घंटे उपलब्ध होंगे. इनमें स्कूल, अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, इंजीनियरिंग, कानून के तथा अन्य प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध होंगे.

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