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Saturday, 8 June, 2024
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बेंगलुरु अदालत ने अपहरण मामले में जद (एस) विधायक रेवन्ना की जमानत याचिका मंजूर की

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बेंगलुरु, 13 मई (भाषा) निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए यहां की एक विशेष अदालत ने अपहरण के एक मामले में जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के नेता एवं कर्नाटक के विधायक एच डी रेवन्ना की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर कर ली।

पूर्व मंत्री रेवन्ना (66) को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने एक महिला के कथित अपहरण के मामले में चार मई को गिरफ्तार किया था। अपहरण का यह मामला उनके बेटे और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किए जाने के आरोपों से जुड़ा है।

विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने मामले की सुनवाई की और रेवन्ना को सशर्त जमानत दे दी।

अदालत ने जमानत मंजूर करते हुए शर्ते लगाईं जिनके तहत रेवन्ना को पांच लाख रुपये का मुचलका भरने पर जमानत दी जाएगी, उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी और वह मामले की पीड़िता या अन्य संबंधित पक्षों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, रेवन्ना को मंगलवार को जेल से रिहा किया जा सकता है।

रेवन्ना की तीन दिवसीय पुलिस हिरासत की अवधि आठ मई को समाप्त हो जाने के बाद उन्हें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

यह मामला महिला के बेटे की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था, जिसने आरोप लगाया था कि रेवन्ना के बेटे प्रज्वल ने उसकी मां का यौन शोषण किया था।

पुलिस सूत्रों ने बताया था कि प्रज्वल के खिलाफ गवाही देने से रोकने के लिए महिला का कथित तौर पर अपहरण किया गया था।

एसआईटी ने रेवन्ना के विश्वासपात्र सतीश बबन्ना को भी हिरासत में लिया है।

रेवन्ना ने अपनी जमानत याचिका की पैरवी के लिए वरिष्ठ वकील सी वी नागेश की सेवाएं ली, वहीं विशेष लोक अभियोजक जैना कोठारी और अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक नाइक ने एसआईटी की ओर से बहस की।

नागेश ने दावा किया कि रेवन्ना की गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश है और पीड़िता ने हाल में एक वीडियो में कहा है कि रेवन्ना या उसके परिवार ने उसका अपहरण नहीं किया है।

कोठारी और नाइक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एसआईटी ने सीआरपीसी (आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 161 (पुलिस द्वारा गवाहों से पूछताछ) और 164 (मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए बयान) दोनों के तहत बयान दर्ज किए तथा पीड़िता ने रेवन्ना के खिलाफ बयान दिया है।

एसआईटी के अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि जमानत याचिका तब दायर की गई जब आरोपी पहले से ही हिरासत में हैं और इसलिए मामला सुनवाई योग्य नहीं है।

न्यायाधीश ने इस तर्क से असहमति जताते हुए कहा, ‘‘… कृपया आप मामले के गुण-दोष के आधार पर बहस करें।’’

नागेश ने कहा कि पीड़िता के बेटे ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी मां घर नहीं आई और उसने यह भी बताया कि वह मोटरसाइकिल पर किसी परिचित व्यक्ति के साथ गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसे अपहरण कैसे समझा जा सकता है? यह अपहरण का मामला नहीं है।’’

नाइक ने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को आरोपियों ने धमकी दी है और पीड़िता को पुलिस सुरक्षा की जरूरत है।

नागेश ने तर्क दिया कि एसआईटी द्वारा लगाई गई धाराएं अमान्य हैं और उन्होंने अपहरण के मामलों पर पिछले कुछ अदालती फैसलों का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि प्रज्वल के खिलाफ मामलों का रेवन्ना से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने अपने मुवक्किल को जमानत पर तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया।

उन्होंने एसआईटी के वकीलों पर भी निशाना साधा और कहा, ‘‘जमानत याचिका पर आपत्तियां दो विशेष लोक अभियोजक क्यों पेश कर रहे हैं?’’

कोठारी ने स्पष्ट किया कि वे तर्क को दोहरा नहीं रहे और एक-दूसरे के तर्क के समर्थन में दलीलें दे रहे हैं।

बाद में, कोठारी ने अदालत से नागेश के तर्क का विरोध करने और दलील पेश करने की अनुमति देने का अनुरोध किया लेकिन नागेश ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘अगर एसआईटी को एक और दौर की बहस की अनुमति मिलती है तो मुझे भी इसका विरोध करने का मौका दिया जाना चाहिए।’’

कोठारी ने कहा कि नागेश की दलीलों में कुछ गलत सूचना है। उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता एच डी रेवन्ना की रिश्तेदार नहीं है जैसा कि सी वी नागेश ने कहा है और जांच अधिकारी के समक्ष 161 (के तहत) बयान पांच मई को दर्ज किए गए हैं, उसके बाद नहीं।’’

इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अदालत के समक्ष दोनों हिरासत आवेदनों में 161 और 164 (के तहत) बयान प्रस्तुत किए गए हैं।’’

एसआईटी ने इससे संबंधित लिखित दस्तावेज पेश करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया लेकिन न्यायाधीश ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया और सोमवार शाम आदेश सुरक्षित रख लिया तथा रेवन्ना को जमानत दे दी।

हासन से मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना जद (एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। प्रज्वल महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस मामले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)-जद(एस) के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।

ऐसा बताया जा रहा है कि हासन सीट से भाजपा-जद (एस) के संयुक्त उम्मीदवार प्रज्वल कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को विदेश चले गए थे। उन्हें वापस लाने के लिए उनके खिलाफ ‘‘ब्लू कॉर्नर’’ नोटिस जारी किया गया है।

हासन सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था।

भाषा सिम्मी अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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