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Friday, 28 June, 2024
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बिहार : पिछली सरकार के कार्यकाल में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंध रद्द किए गए

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(इंट्रो ठीक करते हुए)

पटना, 25 जून (भाषा) बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के सिलसिले में दिये गये 826 करोड़ रुपये के अनुबंधों को रद्द कर दिया है। एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

राज्य सरकार का लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया में “अनियमितताओं” का हवाला देते हुए 826 करोड़ रुपये के 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं। विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “विभाग की जांच से पता चला है कि राज्य में पिछली राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के दौरान ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था से जुड़े 350 ठेकों (826 करोड़ रुपये के) के आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। ये ठेके हैंडपंप, मिनी जलापूर्ति व्यवस्था आदि की स्थापना से संबंधित थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मैंने हाल में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी…जिसके बाद इन ठेकों को रद्द करने का आदेश जारी किया गया।”

मंत्री ने कहा, “विभाग ने इन ठेकों से जुड़ी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भी राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकारी को सौंप दी है, ताकि गहन जांच हो सके…जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान राजद नेता ललित यादव पीएचईडी मंत्री थे।

सिंह ने कहा, “17 महीनों में पिछली सरकार ने पीएचईडी विभाग के 4600 करोड़ रुपये के कुल 1160 ठेके दिए थे। हमने अब तक 350 अनुबंध रद्द कर दिए हैं, शेष की जांच की जा रही है।’’

हालांकि, मंत्री ने विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई अनियमितताओं का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया और कहा, ‘इनके बारे में बताने का यह उचित समय नहीं है क्योंकि मामले की जांच एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जा रही है।’

दस्तावेजों के अनुसार, बांका जिला इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां ग्रामीण जलापूर्ति प्रणाली से संबंधित अधिकतम 106 अनुबंध रद्द किए गए हैं। जमुई में 73, लखीसराय में 20 , औरंगाबाद में 18 और आरा में 11 अनुबंध रद्द किए गए हैं।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस साल जनवरी में राजद से नाता तोड़कर राजग में वापस आ गए थे।

सत्ता संभालने के तुरंत बाद फरवरी 2024 में राजग सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव और पिछली महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से उनके दो तत्कालीन मंत्रियों –ललित यादव और रामानंद यादव के प्रभार वाले विभागों द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा का आदेश दिया था।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले कैबिनेट सचिवालय विभाग की ओर से 16 फरवरी 2024 को जारी पत्र में स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास और ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को भी राज्य में पिछली महागठबंधन सरकार के दौरान लिए गए निर्णयों की समीक्षा करने को कहा गया था। इन विभागों के प्रमुख तेजस्वी यादव थे।

बिहार सरकार द्वारा पीएचईडी विभाग के ठेके (826 करोड़ रुपये के) रद्द करने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, राजद प्रवक्ता (बिहार इकाई) मृत्युंजय तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हमारे नेता तेजस्वी यादव से डरे हुए हैं। राज्य में पिछली ‘महागठबंधन’ सरकार ने बहुत से जनहितैषी काम किए और सात से आठ लाख युवाओं को रोजगार देने और समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने जैसे बड़े निर्णय लिए।’

उन्होंने कहा, ‘वे पिछली सरकार की कल्याणकारी पहलों से भी डरे हुए हैं क्योंकि उनसे राज्य में लाखों लोगों को लाभ हुआ। राजद किसी भी जांच से नहीं डरता…उन्हें (राजग सरकार को) जो करना है, करने दीजिए।”

भाषा अनवर मनीषा राजकुमार

राजकुमार

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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