scorecardresearch
Thursday, 31 July, 2025
होमदेशबायोलॉजिकल ई ने बूस्टर खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की मांग की

बायोलॉजिकल ई ने बूस्टर खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की मांग की

Text Size:

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) बायोलॉजिकल ई ने भारत के औषधि नियामक को एक आवेदन देकर अनुरोध किया है कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके वयस्कों को बूस्टर खुराक के रूप में कॉर्बेवैक्स देने के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी (ईयूए) दी जाए। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने पहले ही देश में विकसित आरबीडी प्रोटीन उपइकाई टीके, कॉर्बेवैक्स को पांच वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपातकालीन स्थितियों में सीमित उपयोग की मंजूरी दे दी थी।

फिलहाल देश में 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों के टीकाकरण के लिये इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

डीजीसीआई को सौंपे गए ईयूए आवेदन के अनुसार, औषधि नियामक की मंजूरी के आधार पर एक फेज-3 प्रायोगिक औषध नियंत्रित नैदानिक अध्ययन में बायोलॉजिकल ई ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन का पूर्ण टीकाकरण करवा चुके गैर संक्रमित वयस्कों में एकल खुराक बूस्टर के रूप में कॉर्बेवैक्स की सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता का मूल्यांकन किया है।

अध्ययन 18 से 80 वर्ष की आयु के 416 लोगों पर किया गया था, जिन्हें कॉर्बेवैक्स की बूस्टर खुराक देने से कम से कम छह महीने पहले कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक दी गई थी।

एक आधिकारिक सूत्र ने ईयूए के आवेदन में हैदराबाद स्थित कंपनी की तरफ से दी गई दलील का हवाला देते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “परिणामों में नजर आया कि 28 दिनों के बाद एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के मामले में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तुलना में प्रतिरक्षाजनकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।”

उन्होंने कहा, “कॉर्बेवैक्स का सुरक्षा खाका पहले के नैदानिक परीक्षणों की तरह ही पाया गया।”

कंपनी ने कहा, “अब हम 18 वर्ष और उससे अधिक की आयु के व्यक्तियों में कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक के साथ प्राथमिक टीकाकरण पूरा होने के छह महीने बाद बूस्टर खुराक के रूप में आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए कॉर्बेवैक्स की अनुमति के लिए विपणन प्राधिकरण आवेदन जमा कर रहे हैं।”

अभी तक, एहतियाती खुराक उसी कोविड-19 टीके की दी जाती है जिसका इस्तेमाल पहली और दूसरी खुराक के तौर पर किया जाता है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments