बद्रीनाथ, आठ मई (भाषा) उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ रविवार सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को देखने के लिए देश और विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे।
इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदिरी ने धार्मिक अनुष्ठान किया, जबकि वेदपाठियों (वेदों का पाठ करने वाले) ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया।
कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर और उसके परिसर को गेंदे के फूलों से सजाया गया था।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है, क्योंकि इसके चारों मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इससे पहले, तीन मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खोले गए थे, जबकि छह मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले थे।
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से चारधाम यात्रा बुरी तरह से प्रभावित रही थी, जिससे मंदिरों को कई महीनों तक श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जा सका था। कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के बीच मंदिरों को खोले जाने के बाद बेहद कम संख्या में श्रद्धालुओं ने चारधाम की यात्रा की थी।
इस बार चारधाम यात्रा दो साल के अंतराल के बाद कोविड संबंधी प्रतिबंधों के बिना हो रही है और लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह है। मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए शनिवार देर रात से ही श्रद्धालु कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे थे।
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, बद्रीनाथ से विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी और पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट मौजूद थे।
भाषा रवि कांत पारुल
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