बेंगलुरु/दिल्ली, 23 मई (भाषा) कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में प्रचार करने और समय देने के लिए सहमत हो गई हैं।
केपीसीसी प्रमुख का अचानक नई दिल्ली दौरा राज्य में आगामी एमएलसी चुनावों के लिए आलाकमान को अनुशंसित संभावित उम्मीदवारों को लेकर उनके और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया में मतभेद की चर्चा के बीच हुआ है।
शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी के काम से राष्ट्रीय राजधानी आए थे और उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा आज शाम तक किए जाने की उम्मीद है।
कर्नाटक विधान परिषद की सात सीट पर तीन जून को होने वाले मतदान के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख मंगलवार को है। इन विधान पार्षदों का चुनाव विधायकों द्वारा किया जाना है। राज्य के सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – कांग्रेस, भाजपा और जद (एस)- ने अभी अपने उम्मीदवारों ने नामों की घोषणा नहीं की है।
राज्य के कई नेताओं द्वारा प्रियंका गांधी के कर्नाटक से राज्यसभा चुनाव लड़ने पर जोर देने के सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा, “हर किसी की इच्छा होगी कि उनका नेता उनके राज्य में आए, लेकिन अभी इस पर चर्चा नहीं हुई है।”
नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने कहा है कि उन्हें चुनाव (विधानसभा चुनाव) के दौरान राज्य के लिए समय निकालना चाहिए और वह इसके लिए सहमत हो गई हैं। उन्होंने कहा है कि वह राज्य में प्रचार करेंगी … राज्यसभा टिकट के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई है।”
ऐसी अटकल है कि शिवकुमार सहित कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं का एक वर्ग चाहता है कि प्रियंका गांधी 10 जून को निर्धारित राज्यसभा चुनाव राज्य से लड़ें, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी को फायदा हो सकता है।
शिवकुमार ने हाल ही में कहा था कि पार्टी चाहती है कि प्रियंका गांधी वाद्रा “दक्षिण पर ध्यान केंद्रित करें, जहां चुनाव आ रहे हैं।”
यह कहते हुए कि उन्होंने और सिद्धरमैया ने मिलकर विधान पार्षद चुनावों के लिए उम्मीदवारों की एक सूची सौंपी थी, शिवकुमार ने कहा, “हमने अपनी राय दी है और आलाकमान फैसला करेगा। दोनों सीट के लिए 200 से अधिक उम्मीदवार थे, इसलिए वहां कठिनाई है, ऐसे लोग भी हैं जिनके पास आवश्यक योग्यता और क्षमता है, लेकिन उन्होंने टिकट नहीं मांगा है, उन पर भी विचार किया जाना था।”
विधानपरिषद के सात सदस्यों का कार्यकाल 14 जून को पूरा हो रहा है, इसलिए चुनाव होने हैं।
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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