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Sunday, 22 September, 2024
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से संबंधित याचिका पर अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि साल 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदान किये गए राहत पैकेज में उन लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नहीं हैं या जिनके पास सक्रिय जन धन खाता नहीं है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने आकाश गोयल की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा है।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वकील प्रशांत भूषण ने किया। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि यह योजना ठीक नहीं है क्योंकि इसमें गरीबी रेखा से नीचे के उन परिवारों को छोड़ दिया गया है, जो उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नहीं हैं या जिनके पास सक्रिय प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खाता नहीं है।

याचिका में कहा गया है, “ (राहत योजना के तहत) 500 रुपये का अनुदान केवल पीएमजेडीवाई खाताधारकों तक ही सीमित है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित इस अनुग्रह राशि का लाभ उठाने के लिए एक सक्रिय पीएमजेडीवाई खाता होना एक पूर्व-आवश्यकता है, हालांकि यह मानदंड ठीक नहीं है क्योंकि करोड़ों गरीब महिलाओं के पास सक्रिय पीएमजेडीवाई खाता नहीं है।”

मामले पर अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।

भाषा

जोहेब दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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