प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पार्टी के सांसदों पर दिखायी थी झुंझलाहट कि वे मुख्य नीतिगत फैसलों और संदेशों पर नमो एप ग्रुप पर प्रतिक्रिया नहीं देते.
नयी दिल्लीः ‘सुप्रभात’, ‘गुड मॉर्निग टू ऑल’ और ‘हैप्पी बर्थडे’ के ही संदेश अधिकाधिक सांसद उस नमो एप ग्रुप पर पोस्ट कर रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को साझा करने के लिए बनाया था.
नमो एप पर एक मैसेजिंग सेवा भी है, जो ह्वाट्सएप की तरह काम करती है.
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी कि उनकी पार्टी के सांसद नमो एप पर उनसे नहीं जुड़ रहे हैं.
दिप्रिंट ने पाया कि एक सप्ताह बाद इस एप्लिकेशन पर गुड मॉर्निग/सुप्रभात संदेशों की बाढ़ आयी है.
जैसे, गया के सांसद हरि मांझी ने लिखा, “शुभ प्रभात। आपका दिन मंगलमय हो”.
अहमदाबाद के सांसद किरीट सोलंकी ने कहा, “गुड मॉर्निंग टू ऑल फ्रेंड्स”.
सांसद उदित राज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की तस्वीर लगायी.
रामदास ताड़स ने लोकमत अखबार की क्लिपिंग पोस्ट की.
सांसद जगदंबिका पाल ने सबको सुप्रभात कहा.
विष्णु दयाल राम ने लिखा, “सुप्रभात प्रधानमंत्री जी एवम् सभी साथी सांसदगण”.
कई और हैं जिन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को जन्मदिन की बधाई दी है.
नमों एप ग्रुप्स के दो एडमिन हैं, जिनमें एक प्रधानमंत्री मोदी खुद हैं.
लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद के नाम से चल रहे इन ग्रुप्स के सदस्य अचानक ही प्रधानमंत्री की झिड़की के बाद सक्रिय हो गए हैं.
इन ग्रुप्स को मोदी के निर्देश के बाद बनाया गया था. उंहोंने अपनी पार्टी के सांसदों को सरकार की नीतियों और परियोजनाओं के बारे में जानने और आम जनता तक पहुंचाने का सोच कर इन ग्रुप्स को बनवाया था.
लोकसभा सांसदों के ग्रुप में 285 सदस्य हैं और प्रधानमंत्री की शिकायत के बाद यहां काफी गतिविधि दिखाई पड़ रही है.
एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री का मतलब था कि सांसद नमो एप से कल्याण कार्यक्रमों के बारे में जानें और उसे जनता तक पहुंचाएं.
प्रधानमंत्री ने संसदीय दल की बैठक में अफसोस जताया कि एप पर दिए संदेशों का जवाब केवल पांच या छह सदस्यों ने दिया. उन्होंने सभी सांसदो को एप का इस्तेमाल निरंतर करने का आग्रह किया.
सूत्रों के मुताबिक जब प्रधानमंत्री मोदी किसी अहम नीतिगत फैसले पर सूचना देते हैं, तो सदस्यों को प्रतिक्रिया देनी चाहिए ताकि वह जान सकें कि संदेश उन तक पहुंच गया है. हालांकि, कई सदस्यों ने प्रधानमंत्री को पूरी तरह न समझकर जन्मदिन के संदेश भेजना शुरू कर दिया.