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Sunday, 29 September, 2024
होमदेशपूरा तंत्र सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि केजरीवाल को जमानत न मिले, यह तानाशाही है: सुनीता

पूरा तंत्र सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि केजरीवाल को जमानत न मिले, यह तानाशाही है: सुनीता

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नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि उनके पति जेल से बाहर न आ सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सब ‘तानाशाही’ और ‘आपातकाल’ के समान है।

आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धनशोधन मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने की पूरी संभावना थी, तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बौखला गई और उसने एक ‘‘फर्जी मामले’’ में उन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार करवा दिया।

सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में बुधवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया और पांच-दिन की हिरासत मांगी।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सुनीता ने कहा कि उनके पति को 20 जून को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तुरंत उस पर स्थगन आदेश ले लिया।

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया और आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पूरा तंत्र यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह आदमी (केजरीवाल) जेल से बाहर न आएं। यह कानून नहीं है। यह तानाशाही है, यह आपातकाल है।’’

आप ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा की।

विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत के आदेश के बाद सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।

‘आप’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तानाशाह ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी है। आज जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने की पूरी संभावना थी तो बौखलाहट में भाजपा ने फर्जी मामले में सीबीआई से केजरीवाल को गिरफ्तार करवा दिया।’’

इसने कहा, ‘‘सीबीआई केजरीवाल जी को राउज एवेन्यू अदालत लेकर पहुंची, जहां रक्त में उनका शर्करा स्तर बहुत नीचे गिर गया। तानाशाह, तुम कितने भी जुल्म ढहा लो, केजरीवाल न झुकेगा और न ही टूटेगा।’’

केजरीवाल दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले के सिलसिले में एक अप्रैल से जेल में हैं। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

उच्चतम न्यायालय ने 10 मई को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। वह दो जून को जेल लौटे थे।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से इसकी जांच कराने का आदेश दिया था जिसके बाद इस नीति को जुलाई 2022 में रद्द कर दिया गया था।

भाषा सुरेश नेत्रपाल

नेत्रपाल

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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