कोलकाता, 20 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ (बीजीबीएस) का राजनीतिकरण करने के लिए आलोचना की और निवेश के लिए अनुरोध किए जाने से पहले प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने को कहा।
उन्होंने कहा कि व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्र पर लक्षित बनर्जी के बयान “निराधार” थे।
मजूमदार ने यह आलोचना बीजीबीएस के उद्घाटन के दिन उद्योग जगत के दिग्गजों की एक सभा में बनर्जी की टिप्पणी के बाद की। बनर्जी ने सभा में मौजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ से आग्रह किया वे यह सुनिश्चित करें कि उद्योगपतियों को “कुछ एजेंसियों द्वारा परेशान नहीं किया जाए” और वह राज्यपालों के अगले सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाएं।
मुख्यमंत्री ने हालांकि किसी केंद्रीय एजेंसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका स्पष्ट इशारा हालिया आयकर छापों और कई शीर्ष फर्मों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर था। वहां मौजूद उद्योगपतियों के एक वर्ग ने उनकी टिप्पणी पर तालियां बजाईं।
मजूमदार ने कहा, “मुख्यमंत्री को केंद्र की आलोचना करने और पूरे आयोजन का राजनीतिकरण करने के लिए व्यापार शिखर सम्मेलन के मंच का उपयोग करते हुए देखना दुखद है। यह इस तरह के बयान देने का मंच नहीं है और उनके द्वारा दिया गया बयान निराधार था। केंद्र ने उद्योगपतियों को परेशान किया होता तो क्या वे देश के विभिन्न हिस्सों में निवेश करते।”
तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जब तक राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं होगा, तब तक निवेशक बंगाल में निवेश करने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे। राज्य सरकार को ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां हर कोई सिंडिकेट के डर के बिना निवेश कर सके।”
राज्य की स्थिति को “अराजक” बताते हुए, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य सरकार को पहले बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना चाहिए।
मजूमदार के समान ही, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि बनर्जी की टिप्पणियों का उद्देश्य राज्य में निवेश लाने में सरकार की विफलताओं को सही ठहराना था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि कारोबारी दिग्गजों के सामने इस तरह के बयान केवल यह दर्शाते हैं कि “राज्यपाल और मुख्यमंत्री एकमत नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, “यह इस तरह के बयान देने का मंच नहीं था।”
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि बनर्जी ने सच बोलने की “हिम्मत” की है।
टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, “देश भर में डर का राज है। बड़े उद्योगपति भी बोलने से डरते हैं। ममता बनर्जी ने सच बोलने की हिम्मत की है। ऐसे उदाहरण हैं जहां उद्योगपतियों ने कहा है कि वे विभिन्न अवसरों पर बोलने से डरते हैं।”
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प्रशांत मनीषा अविनाश
अविनाश
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