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Monday, 23 September, 2024
होमदेशनायडू ने सिविल सेवा अधिकारियों को सही के पक्ष में खड़े होने और शासकों को सच बताने की सीख दी

नायडू ने सिविल सेवा अधिकारियों को सही के पक्ष में खड़े होने और शासकों को सच बताने की सीख दी

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने नेताओं और सिविल सेवा अधिकारियों के बीच कथित ‘‘सांठगांठ’’ बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को नौकरशाहों से सही के पक्ष में खड़े होने और शासकों को सही बात बताने की सीख दी।

उप राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अनिर्णायक, अस्पष्ट और निर्णय को टालने वाला बनने के बजाए सिविल सेवा के प्रत्येक अधिकारी को गतिशील, नवोन्मेषी और समस्या का समाधान करने वाला होना चाहिए।

नायडू ने हैदराबाद में सिविल सेवा दिवस पर विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उप राष्ट्रपति के सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराए गए भाषण के अंश के अनुसार नायडू ने कहा,‘‘ मैं आप सब को आश्वस्त कर सकता हूं कि नेता बुद्धिमान होते हैं और अच्छे सुझावों को मानते हैं, अगर वे उनके समक्ष तर्कपूर्ण और मानने योग्य तरीके से रखे जाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई भी मंत्री यह नहीं चाहेगा कि वह कोई गलत निर्णय ले या गलत काम के लिए उसे दंड मिले। राजनीतिक वर्ग और सिविल सेवा अधिकारियों के बीच बढ़ती सांठगांठ को गहरी चिंता के व्यापक विषय के तौर पर देखा जा रहा है।’’

नायडू ने कहा, ‘‘ जब आपको किसी मुद्दे को ऐसे तरीके से सामने रखने के निर्देश दिए जाते हैं जो शासकों को ठीक लगता है, तो आपको सिर्फ यह करना है कि सही बोलना है और अगर जरूरत पड़े तो उसे लिखित में दें।’’

उप राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को अपने चरित्र पर कायम रहने और कानून के सही पक्ष में रहने की जरूरत है।

अपने अनुभव साझा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘हां सर’’ करने वालों को ज्यादा दिन तक सम्मान नहीं मिलता, लेकिन ‘‘सच बोलने वालों’’ का सम्मान होता है।

कुछ राज्यों के वित्तीय दबाव, जहां ‘‘राज्यों की कल्याणकारी जरूरतों और दीर्घकालिक विकास के बीच अंतर बढ़ रहा है’’, का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि कुछ राज्यों के राजस्व प्रशासन चलाने के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं और संपत्ति निर्माण तथा वृद्धि की चिंताओं की ‘‘घोर उपेक्षा’’ करते हुए मुफ्त की योजनाएं देने के लिए उधार का चलन बढ़ रहा है।

भाषा

शोभना मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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