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Sunday, 16 June, 2024
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नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाना है : शाह

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देवमाली (अरुणाचल प्रदेश), 21 मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नयी शिक्षा नीति (एनईपी) देश के युवाओं को ‘‘जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाने’’ के उद्देश्य से तैयार की गई है।

तिरप जिले के नरोत्तम नगर में रामकृष्ण मिशन स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के 75 साल के अवसर पर मानवीय मूल्यों और शिक्षा के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित एनईपी की शुरुआत की।

शाह ने कहा कि 2020 की नयी शैक्षिक नीति में दार्शनिक और श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद तथा 125 साल पहले रामकृष्ण मिशन के संस्थापक के विचारों को शामिल किया गया है।

शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद के दर्शन का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि यह लोगों को बुद्धिमान बनाने, लोगों की आंतरिक शक्ति को जगाने और इसे एक दिशा देने का माध्यम है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि शिक्षा किसी व्यक्ति को जीवन की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार नहीं कर सकती है, तो यह व्यर्थ है…अगर शिक्षा इंसान के चरित्र को नहीं ढाल सकती तो वह बेकार है।’’

21वीं सदी को ‘ज्ञान की सदी’ करार देते हुए शाह ने कहा कि देश के युवाओं को दुनिया भर के युवाओं के बराबर खड़ा करने के लिए सक्षम बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एनईपी का उद्देश्य युवाओं को इस तरह तैयार करना है जो दूसरे देशों के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।’’

रामकृष्ण मिशन की सराहना करते हुए शाह ने कहा, ‘‘अपने अस्पतालों में मरीजों का इलाज कर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर इसने अनुकरणीय प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है जिसके लिए राष्ट्र इसे सलाम करता है।’’

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में रामकृष्ण मिशन के योगदान की भी प्रशंसा की। शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग देशभक्ति की सच्ची भावना का प्रदर्शन करते हैं जिसे तब देखा जा सकता है जब वे ‘नमस्ते’ के बजाय ‘जय हिंद’ शब्दों के साथ लोगों का अभिवादन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह विशिष्टता देश के अन्य हिस्सों में नहीं देखी जाती है। राज्य के लोगों में देशभक्ति की भावना जगाने का श्रेय रामकृष्ण मिशन को जाता है।’’

उन्होंने कहा कि मंदिर बनाना एक नेक काम है लेकिन स्कूल स्थापित करना और लोगों को ज्ञान देना अधिक मूल्यवान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में रामकृष्ण मिशन द्वारा की गई 50 साल की अनुकरणीय सेवा उल्लेखनीय है और मैं इसके भिक्षुओं को विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मानव जाति की समर्पित सेवा के लिए सलाम करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश दशकों से समस्याओं का सामना कर रहा है और चुनौतियां धीरे-धीरे कम हो रही हैं। शाह ने कहा, ‘‘लेकिन राज्य को कभी भी समस्याओं से प्रभावित नहीं देखा गया क्योंकि पिछले 50 वर्षों से रामकृष्ण मिशन राज्य को अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। जिन स्थानों पर रामकृष्ण मिशन पहुंचा, उसने स्थानीय संस्कृति और विरासत, बोलियों और धर्म को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’’

शाह ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश आज अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के साथ गर्व से आगे बढ़ रहा है, जो रामकृष्ण मिशन के निरंतर समर्थन के कारण ही संभव हुआ है।’’

चुनौतियों के बावजूद राज्य ने केंद्र के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा और 2014 में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के प्रति नयी दिल्ली की धारणा को बदल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के आठ साल के सफर में, प्रधानमंत्री ने नयी दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच की दूरी को कम किया है और इस क्षेत्र को देश का एक अभिन्न अंग माना है जो पहले नहीं देखा गया था।’’

शाह ने कहा कि पहले के प्रधानमंत्रियों ने 50 साल में पूर्वोत्तर की जितनी यात्रा नहीं की, उनकी तुलना में पिछले आठ वर्षों की छोटी सी अवधि में मोदी ने पूर्वोत्तर की यात्रा की। शाह ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा अच्छी सड़क, हवाई और ट्रेन कनेक्टिविटी के साथ, मोदीजी ने पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ा है।’’

अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने स्कूल परिसर में स्वामी विवेकानंद की 18 फुट की प्रतिमा का अनावरण करने के अलावा नए छात्रावास भवन और प्रशासनिक खंड का भी उद्घाटन किया।

भाषा आशीष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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