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Sunday, 29 September, 2024
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नगालैंड में बीस साल बाद नगर निकाय चुनाव, दो घंटे में 20 प्रतिशत से अधिक मतदान

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कोहिमा, 26 जून (भाषा) नगालैंड में बीस साल बाद पहली बार कराए जा रहे नगर निकाय चुनाव के लिए बुधवार को मतदान के पहले दो घंटे में 2.23 लाख मतदाताओं में से करीब 20 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

नगर निकाय चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुबह साढ़े सात बजे आरंभ हुआ और यह अपराह्न चार बजे समाप्त होगा। मतगणना 29 जून को की जाएगी।

इस पूर्वोत्तर राज्य में यह ऐतिहासिक चुनाव है क्योंकि तीन नगरपालिकाओं और 22 नगर परिषद के लिए चुनाव 20 वर्ष के अंतराल के बाद कराया जा रहा है। आखिरी बार नगर निकाय चुनाव 2004 में हुआ था।

नगालैंड राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पहली बार महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के साथ शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा रहे हैं।

सरकार ने पहले भी कई बार शहरी स्थानीय निकायों के लिए चुनाव की घोषणा की थी लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षण, भूमि तथा संपत्तियों पर कर के खिलाफ आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज से जुड़े संगठनों की आपत्तियों के कारण चुनाव नहीं कराया जा सका।

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य में 10 जिलों में 214 वार्ड में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ अब तक मतदान शांतिपूर्ण रहा है। पहले दो घंटे में 20 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया है।’’

इस चुनाव में 2.23 लाख से अधिक मतदाता 11 राजनीतिक दलों के 523 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे।

चुनाव लड़ रहे दलों में एनडीपीपी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), राइजिंग पीपुल्स पार्टी, आरपीआई (आठवले), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल हैं।

निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि ईवीएम के बजाय 420 मतदान केंद्रों पर मतपत्रों के जरिए मतदान कराया जा रहा हे।

इस बीच, ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने फैसला किया है कि वह क्षेत्र के छह जिले में चुनावों में भाग नहीं लेगा।

छह पूर्वी जिलों में रह रहीं सात नगा जनजातियों की सर्वोच्च संस्था ईएनपीओ ‘फ्रंटियर नगालैंड क्षेत्र’ की मांग करती रही है। उसका दावा है कि इस क्षेत्र को बरसों से नजरअंदाज किया गया है।

ईएनपीओ इलाके में 14 नगर परिषद हैं। इस इलाके से 59 नामांकन पत्र स्वीकार किया गया लेकिन आदिवासी संगठनों ने उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया है।

ईएनपीओ ने राज्य में इकलौती लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को हुए चुनाव में भी भाग नहीं लिया था।

भाषा

गोला नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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