नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख में कुछ सबसे कठिन और दुर्गम अग्रिम स्थानों का दौरा किया और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच क्षेत्र के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि थल सेना प्रमुख ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे कई स्थानों पर सैनिकों के साथ बातचीत की और जमीनी स्थिति का जायजा लिया। जनरल पांडे ने शनिवार को अपने तीन दिवसीय लद्दाख दौरे का समापन किया।
अधिकारियों ने कहा कि थल सेना प्रमुख ने वरिष्ठ कमांडरों के साथ पूर्वी लद्दाख के कुछ सबसे कठिन और दुर्गम अग्रिम स्थानों का दौरा किया तथा मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली।
सेना ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल मनोज पांडे ने अभियानगत तैयारियों की समीक्षा के लिए लद्दाख में अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की और दृढ़ता तथा उच्च मनोबल के लिए उनकी सराहना की।’’
वरिष्ठ कमांडरों ने बृहस्पतिवार को लेह में ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर मुख्यालय में जनरल पांडे को पूर्वी लद्दाख में समग्र सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ लगी एलएसी की रखवाली के लिए ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर जिम्मेदार है।
लद्दाख दौरे के कुछ दिन पहले जनरल पांडे ने कहा था कि चीन का इरादा भारत के साथ समग्र सीमा मुद्दों को ‘कायम’ रखना है, हालांकि यह दोनों देशों के बीच भी ‘‘मूल’’ मुद्दा बना हुआ है।
पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद का जिक्र करते हुए थल सेना प्रमुख ने कहा था कि भारतीय सेना का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच ‘‘विश्वास और शांति’’ को फिर से स्थापित करना है, लेकिन कहा कि ‘‘यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से पहले यथास्थिति बहाल करना है।
भाषा आशीष माधव
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