नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को बताया कि उसने जहांगीरपुरी में चूड़ी बनाने वाली इकाई में काम कर रहे पांच बाल श्रमिकों को मुक्त कराया और इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस को नोटिस भेजा है।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करते हुए क्षेत्रीय उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा जांच किए जाने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एक बयान में डीसीडब्ल्यू ने कहा कि सोमवार को उसे 181 महिला हेल्पलाइन पर अज्ञात सूत्रों से सूचना मिली कि चूड़़ी बनाने की एक इकाई में पांच बाल श्रमिकों को काम पर रखा गया है और उनके नियोक्ता बच्चों की अकसर पिटाई करते हैं।
उन्होंने बताया कि आयोग की टीम दिल्ली पुलिस की टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंची और पांच बच्चों को मुक्त कराया।
बयान के अनुसार, बच्चों में से दो की उम्र आठ साल, एक की उम्र 10 साल और दो की उम्र 13 साल है।
बच्चों ने आयोग को बताया कि वे करीब एक महीने पहले ही आजीविका के लिए बिहार से आए थे।
डीसीडब्ल्यू द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘‘चूड़ी बनाने वाली इकाई में काम कर रहे इन बच्चों को नियोक्ता नियमित रूप से पीटता था। नियोक्ता ने इन बच्चों को 4,000 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उन्हें एक रुपया भी नहीं मिला है।’’
डीसीडब्ल्यू की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘‘हमने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। नियोक्ता और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाल कल्याण समिति इन बच्चों का उचित पुनर्वास करेगी।’’
उत्तर-पश्चिम दिल्ली की पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने कहा, ‘‘हमें डीसीडब्ल्यू से कॉल आया और हमारी टीम उनकी टीम के साथ गई। पांच नाबालिगों को चूड़ी बनाने की इकाई से मुक्त कराया गया है। उनकी मेडिकल जांच कराई गई और उसके बाद उन्हें एनजीओ प्रयास के पास भेजा गया है।’’
उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय एसडीएम को सूचित कर दिया गया है और बच्चों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
भाषा अर्पणा दिलीप
दिलीप
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