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Tuesday, 21 May, 2024
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जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू नहीं करने के कारण बताये सीएक्यूएम: राष्ट्रीय हरित अधिकरण

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नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत प्रतिबंधों को लागू नहीं करने के कारणों की जानकारी मांगी है।

अधिकरण ने कहा कि तीन से छह मई तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बावजूद जीआरएपी के पहले चरण के तहत प्रतिबंध लागू नहीं किये गये थे। एनजीटी ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से नयी रिपोर्ट मांगी है।

अधिकरण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा है।

सात मई को पारित एक आदेश में अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘‘पिछले चार दिन में दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में आ गई है और पांच मई को यह 291 थी। लेकिन अब तक जीआरएपी के पहले चरण के तहत प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है।’’

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) तीन मई को 264, अगले दिन 281 और छह मई को 247 था।

पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं।

पीठ ने कहा कि सीएक्यूएम के जीआरएपी को लागू करने के आदेश के अनुसार, खराब वायु गुणवत्ता या 201 और 300 के बीच एक्यूआई के मामले में चरण एक के तहत प्रतिबंध लगाये जाने थे।

अधिकरण ने कहा, ‘‘उपरोक्त के संदर्भ में सुनवाई की अगली तारीख (20 अगस्त) से कम से कम एक सप्ताह पहले एक नई रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’

दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सर्दी के मौसम में जीआरएपी के चार चरणों के तहत कार्रवाई की जाती है : पहला चरण – ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण – ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण – ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण- ‘अति गंभीर’ (एक्यूआई 450 से अधिक) है।

भाषा

देवेंद्र अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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