लखनऊ, 12 मई (भाषा) भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म खां को जल निगम में की गई भर्तियों में कथित घोटाला से संबंधित मामले में बृहस्पतिवार को लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया।
खां तथा मामले के सह अभियुक्तों ने कहा कि उन्हें इस मामले में दाखिल आरोपपत्र की पूरी प्रति नहीं दी गई है, नतीजतन अभियुक्तों पर आज आरोप तय नहीं हो सके।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात जून नियत की है।
सुनवाई के दौरान खां के साथ-साथ मामले के सह अभियुक्त संतोष रस्तोगी, हेमंत कुमार, अजय यादव और गिरीश चंद्र भी अदालत में मौजूद रहे, जबकि जय प्रिया, स्वप्निल भवनेश जैन, कुलदीप सिंह, विश्वजीत सिंह, जितेंद्र दीक्षित तथा रोमन फर्नांडीस नामक अन्य आरोपियों के वकीलों ने उनका प्रतिनिधित्व किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 2012 से 2017 के बीच राज्य में रही अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान जल निगम में भर्तियों में कथित रूप से घोटाला किया गया था। उस वक्त खां जल निगम के अध्यक्ष थे, लिहाजा उन्हें भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
उस समय उत्तर प्रदेश में 122 सहायक अभियंताओं और 853 अवर अभियंताओं समेत 1342 पदों पर भर्तियां हुई थीं। इन्हीं में घोटाले का आरोप लगा है। मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच के लिए गठित विशेष अनुसंधान दल ने इस मामले में 25 अप्रैल 2018 को मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप है कि जल निगम में अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए भर्ती के तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया था।
भाषा सं सलीम नोमान
नोमान
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