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Wednesday, 23 July, 2025
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जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की सिफारिशें अनुचित, अतार्किक : माकपा

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नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके द्वारा की गई अनुशंसाएं “अनुचित व अतार्किक” हैं।

मार्च 2020 में गठित जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट अधिसूचित करते हुए जम्मू क्षेत्र को छह नई विधानसभा सीटें और कश्मीर घाटी को एक नई विधानसभा सीट देते हुए राजौरी व पुंछ इलाकों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाने की सिफारिश की थी।

केंद्र शासित प्रदेश के 90 सदस्यीय सदन में जम्मू मंडल में अब 43 विधानसभा सीटें होंगी जबकि कश्मीर में 47 सीटें होंगी।

पार्टी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की सिफारिशें स्पष्ट रूप से अनुचित और अतार्किक हैं। इसने जम्मू क्षेत्र में छह सीटें बढ़ाने की सिफारिश की है जबकि कश्मीर घाटी में सिर्फ एक।”

माकपा ने कहा, “आयोग ने क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए 2011 की जनगणना पर विचार किया। ऐसी प्रक्रिया में जनसंख्या मुख्य मानदंड है। जनगणना के अनुसार कश्मीर की जनसंख्या 68.9 लाख है जबकि जम्मू की 53.8 लाख है।”

पार्टी ने कहा कि आयोग ने कश्मीर के लिए 47 और जम्मू के लिए 43 सीटों की सिफारिश की है, जबकि जनसंख्या के आधार पर एक निष्पक्ष परिसीमन में कश्मीर को 51 और जम्मू को 39 सीटें मिलनी चाहिए थीं।

पार्टी ने एक बयान में कहा, “44 प्रतिशत आबादी के साथ, जम्मू में 48 प्रतिशत सीटें होंगी जबकि 56 प्रतिशत आबादी वाले कश्मीर में केवल 52 प्रतिशत सीटें होंगी।”

इसमें कहा गया, “इस प्रकार, ये सिफारिशें स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित हैं जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के जनसांख्यिकीय चरित्र और संरचना को बदलना है। इसलिए इन सिफारिशों को खारिज किया जाना चाहिए।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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