नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर की दो अति संवेदनशील जेलों में तैनात सीआईएसएफ की सुरक्षा इकाइयों को तैनाती के नौ महीने बाद भी औपचारिक मंजूरी नहीं मिली है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक मंजूरी नहीं मिलने से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को साजो-सामान और प्रशासनिक कार्यों से जुड़ी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।
सीआईएसएफ ने अक्टूबर 2023 में कश्मीर में श्रीनगर केंद्रीय कारागार और जम्मू में कोट भलवाल कारागार की सुरक्षा का जिम्मा ”आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी” के प्रारूप पर लगभग 500 कर्मियों के साथ संभाला था। सीआईएसएफ ने सीआरपीएफ की जगह यह जिम्मेदारी संभाली थी।
यह परिवर्तन तब किया गया जब यह महसूस किया गया कि कारागार परिसर की सुरक्षा और प्रवेश-नियंत्रण में पारंगत एक बल को इन दोनों जेलों की सुरक्षा सौंपी जानी चाहिए, जहां बड़ी संख्या में आतंकवादी और अन्य दुर्दांत अपराधी बंद हैं।
अधिकारियों ने हालांकि ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पिछले साल यह तैनाती अस्थायी आधार पर की गई थी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की दो अलग-अलग इकाइयों को नियमित इकाइयों के रूप में वर्गीकृत करने के लिए औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की ऐसी तैनाती को केंद्रीय गृह मंत्रालय की आधिकारिक मंजूरी से नियमित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सीआईएसएफ की दो जेल इकाइयों के लिए औपचारिक मंजूरी जल्द ही जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ये इकाइयां सभी आवश्यक उपकरणों और सुरक्षा उपकरणों के साथ काम कर रही हैं।
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रवि कांत प्रशांत
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