सूरत, पांच मई (भाषा) गुजरात के सूरत शहर में फरवरी में ग्रीष्मा वेकारिया नामक जिस युवती की गला रेतकर हत्या की गई थी, उसके पिता नंदलाल वेकारिया ने दोषी को मौत की सजा सुनाने के निचली अदालत के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उनकी बेटी के हत्यारे को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
सूरत की एक अदालत ने इस साल फरवरी में 21 वर्षीय ग्रीष्मा की दिनदहाड़े हत्या के मामले में दोषी फेनिल गोयानी को मौत की सजा सुनाई है, जिसने संबंध बनाने से युवती के इनकार के बाद इस वारदात को अंजाम दिया था।
युवती के पिता नंदलाल ने कहा कि अदालत के फैसले से उनकी बेटी को न्याय मिल गया है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”मेरी बेटी की असामयिक मृत्यु के कारण मेरे जीवन में पैदा हुए शून्य को कोई नहीं भर सकता। लेकिन मैं कह सकता हूं कि न्याय हुआ है। एक उदाहरण स्थापित करने और ऐसे अन्य तत्वों को लड़कियों को परेशान करने से रोकने के लिए उसे जल्द से जल्द फांसी दी जानी चाहिए। उच्च न्यायपालिका को भी उन पर कोई दया नहीं दिखानी चाहिए।”
उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, पूर्व विधायक प्रफुल पंसुरिया और कामरेज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को परिवार का समर्थन करने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया।
ग्रीष्मा के छोटे भाई ध्रुव और स्वयं नंदलाल सहित पूरा वेकारिया परिवार उस समय अदालत कक्ष में मौजूद था, जब सूरत के प्रधान सत्र एवं जिला न्यायाधीश वी. के. व्यास ने कॉलेज की छात्रा ग्रीष्मा की हत्या के लिए फेनिल गोयानी को मौत की सजा सुनाई।
अदालत ने इसे दुर्लभतम मामला करार दिया।
घटना के दौरान खुद भी घायल हुए ध्रुव ने कहा कि परिवार संतुष्ट है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”हम सभी फैसले से संतुष्ट हैं। यह हमारी उम्मीदों के मुताबिक है। मेरा परिवार इस कठिन दौर में हमें समर्थन देने के लिए सरकार का आभारी है।”
गोयानी ने 12 फरवरी को गुजरात के सूरत शहर के कामरेज की रहने वाली वेकारिया की उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के सामने गला रेत कर हत्या कर दी थी।
गोयानी ने वेकारिया को बचाने की कोशिश करते उसके भाई और चाचा को भी चाकू मार दिया था। इसके बाद उसने खुद को भी चाकू मारकर घायल कर लिया था। पुलिस पहले गोयानी को कामरेज में एक अस्पताल ले गई थी और 16 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घटना का एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद भारी हंगामा हुआ था।
भाषा
जोहेब नरेश
नरेश
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