न्यायालय, 22 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें गिरफ्तार नेताओं को चुनाव के दौरान ऑनलाइन माध्यम से प्रचार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने याचिका खारिज कर दी थी।
पीठ ने कहा, ‘‘यह याचिका गलत मंशा से दाखिल की गई है। यह एक नेता (अरविंद केजरीवाल) पर केंद्रित है जो हर दिन बेहतरीन वकीलों के साथ इस अदालत में पेश होते हैं।’’
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम इस याचिका पर सुनवाई जरूरी नहीं मानते जिसे कथित तौर पर जनहित में दाखिल किया गया है। खारिज की जाती है।’’
न्यायालय विधि छात्र अमरजीत गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने गिरफ्तार नेताओं को ऑनलाइन माध्यम से चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इससे खूंखार अपराधियों, यहां तक कि भगोड़ा माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम को भी राजनीतिक दलों और प्रचार के लिए खुद को पंजीकृत करने का मौका मिलेगा।
उच्च न्यायालय ने याचिका को ‘अत्यधिक जोखिम भरी’ और कानून के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए कहा था कि अदालतें नीतिगत निर्णय नहीं लेती हैं और ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेना संसद का काम है।
भाषा धीरज प्रशांत
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