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नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु विधानसभा ने हाल में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करने का अनुरोध किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा के इस कदम की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार भी दिल्ली विधानसभा में ऐसा ही प्रस्ताव लाएगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के पत्र के जवाब में केजरीवाल ने उल्लेख किया कि राज्य सरकारों और उनके राज्यपालों या उपराज्यपालों का टकराव ‘‘प्रभावी रूप से एक युद्ध मैदान बन गया है जहां केंद्र सरकार द्वारा एक मौन युद्ध छेड़ा जा रहा है।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल या उपराज्यपाल ‘‘जानबूझकर’’ लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों को कमजोर कर रहे हैं और प्रशासन को अपनी ‘‘सनक और इच्छा’’ के अनुसार बाधित कर रहे हैं।
उन्होंने संबंधित विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करने का आग्रह करते हुए एक प्रस्ताव पारित करके ऐसी ‘‘केंद्रीकरण की प्रवृत्ति’’ के खिलाफ ‘‘कड़ा रुख’’ अपनाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की सराहना की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हाल में गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के अपने समकक्षों को पत्र लिखकर अपनी-अपनी विधानसभाओं में एक प्रस्ताव पारित करने और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर केंद्र से राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित करने की मांग की।
भाषा सुरभि पवनेश
पवनेश
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